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One Nation One Election पर JPC की मीटिंग हुई खत्म, 37 MP रहे मौजूद, विपक्ष ने उठाए ये सवाल

नई दिल्ली : बुधवार को ‘एक देश-एक चुनाव’ (One Nation, One Election) के प्रस्ताव पर पहली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद पीपी चौधरी ने की। बैठक का उद्देश्य इस प्रस्ताव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करना था और इसके बाद समिति अपनी सिफारिशें देगी। इसके लिए सरकार ने 39 सदस्यीय एक संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee, JPC) का गठन किया था। इस समिति का उद्देश्य इस प्रस्ताव से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार करना है।

JPC की पहली बैठक

आज के इस बैठक में कुल 37 सांसद मौजूद रहे। कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस बैठक में शामिल हुईं। बैठक में कानून मंत्रालय की तरफ से लगभग 18,000 पन्नों का प्रेजेंटेशन दिया गया। हालांकि, एलजेपी की सांसद शांभवी चौधरी और बीजेपी के सांसद सीएम रमेश व्यक्तिगत कारणों से बैठक में शामिल नहीं हो पाए। इन दोनों सांसदों ने अपनी अनुपस्थिति की जानकारी पहले ही समिति के चेयरमैन को दे दी थी।

बीजेपी सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता

39 सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता बीजेपी सांसद पीपी चौधरी कर रहे हैं, जो पूर्व कानून राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। इस समिति में प्रमुख राजनीतिक दलों के सदस्य शामिल हैं, जैसे कि कांग्रेस की प्रियंका गांधी, जद (यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी। बैठक के पहले दिन ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल के प्रावधानों पर चर्चा की गई। कानून मंत्रालय ने इस विधेयक की जरूरत, पूर्व में की गई सिफारिशों और विधेयक से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। इसके बाद बीजेपी, कांग्रेस, सपा, तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं ने इस विधेयक पर अपनी राय रखी।

विपक्षी दलों का बिल का विरोध

बैठक के दौरान, विपक्षी सांसदों ने इस विधेयक का जमकर विरोध किया। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने इसे संविधान की भावना के खिलाफ बताया और कहा कि सरकार क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की साजिश कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी ने सवाल उठाया कि क्या खर्चा कम करना अधिक महत्वपूर्ण है, या लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करना। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और मुकुल वासनिक ने भी इस बिल का विरोध करते हुए इसे संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर के खिलाफ बताया।

जेपीसी की बैठक का मकसद

जेपीसी समिति का मुख्य उद्देश्य संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश विधि (संशोधन) विधेयक पर चर्चा करना है, जिसे हाल ही में शीतकालीन सत्र में लोकसभा में पेश किया गया था। इस विधेयक पर चर्चा और समीक्षा के बाद समिति अपनी सिफारिशें देगी, जिनके आधार पर आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का प्रस्ताव केंद्र सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन विपक्षी दलों ने इस विधेयक के खिलाफ अपनी चिंता और विरोध व्यक्त किया है। आगामी बैठक में इस पर और भी विस्तृत चर्चा हो सकती है।

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