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Maharashtra : BJP, शिवसेना और NCP के बीच मंत्रालयों का बंटवारा, होम और रेवेन्यू BJP के पास, हेल्थ और ट्रांसपोर्ट शिवसेना को, वित्त NCP के खाते में

महाराष्ट्र :  महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद जिस मंत्रालयों को लेकर महायुति में अटकले चल रही थी, जो कि आज साफ हो गया। आज बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के बीच मंत्रालयों का बटवारा हो चुका है, लेकिन अभी यह तय नहीं हो सका है कि किस पार्टी से किन्हें जिम्मेदारियां मिलेंगी। वहीं आज महाराष्ट्र के नागपुर में देवेंद्र फडणवीस का कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है। शाम 4 बजे शपथग्रहण शेड्यूल है, जिसमें बताया जा रहा है कि 39 विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते है। वहीं जिस (गृह विभाग) विभाग पर शिवसेना अपनी नजर गड़ाए हुए थी वह विभाग बीजेपी के खेमा में जा चुका है। बात दें कि इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। बीजेपी ने अपने पास गृह विभाग, राजस्व, सिंचाई और शिक्षा विभाग को अपने पास रखा है। आइए जानते है विस्तार से…

कैबिनेट विस्तार की जानकारी
देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में कैबिनेट का विस्तार नागपुर में किया जाएगा। इस आयोजन के लिए सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। बीजेपी के 20 विधायक मंत्री पद के लिए शपथ ले सकते हैं, हालांकि पार्टी कुछ पद खाली भी रख सकती है। वहीं शिवसेना के 13 विधायक और एनसीपी के 10 विधायक भी शपथ लेंगे।

कौन से विभाग किसके पास होंगे?

विभागों का बंटवारा पहले से ही तय हो चुका है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन मंत्रालयों की जिम्मेदारी किसके हाथ में होगी।

बीजेपी के पास ये विभाग होंगे:

गृह विभाग
राजस्व विभाग
सिंचाई विभाग
शिक्षा विभाग
इसके अलावा बीजेपी ने स्वास्थ्य शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और बिजली विभाग का भी जिम्मा अपने पास रखा है।

शिवसेना के हिस्से में ये विभाग आएंगे:
शहरी विकास
आवास
स्वास्थ्य
उद्योग
परिवहन
पर्यटन
आईटी
मराठी भाषा
एमएसआरडीसी
एनसीपी के पास ये विभाग होंगे:
वित्त विभाग
सहकारिता
खेल विभाग

कैबिनेट विस्तार का उद्देश्य और नजरें

सूत्रों के अनुसार, बीजेपी का गृह विभाग अपने पास ही रखेगी। राजनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए मंत्रालयों के बंटवारे में सावधानी बरती जा रही है। बीजेपी ने सबसे बड़ी पार्टी बनकर सरकार बनाई है, लेकिन शिवसेना और एनसीपी के साथ गठबंधन के तहत संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। यह विस्तार राजनीतिक संतुलन और प्रशासनिक जिम्मेदारी के वितरण के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस विस्तार के बाद सरकार के कामकाज में नया जोश देखने को मिलेगा। सभी दलों के नेताओं ने इस शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को लेकर अपनी-अपनी रणनीतियां तैयार कर ली हैं।

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