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बिना बिजली और नेटवर्क के रहते है इस गांव के लोग… लड़को की नहीं हो रही शादी

राजस्थान : जहां एक ओर हमारा देश डिजिटल इंडिया के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है, चांद पर फतह कर रहा है, और नई-नई तकनीकों के साथ दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहा है, वहीं दूसरी ओर हमारे अपने देश में कुछ गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। राजस्थान के कोटा जिले का कोलीपुरा गांव इसका एक बड़ा उदाहरण है। यहां के लोग आज भी बिजली और मोबाइल नेटवर्क जैसी जरूरी सुविधाओं से महरूम हैं, जो उनके जीवन को कठिन बना रहे हैं।

एक ओर जहां  देशभर में शादियों की धूम मची हुई है। हर जगह शहनाइयां बज रही हैं और युवा-युवतियां परिणय सूत्र में बंध रहे हैं, लेकिन राजस्थान के कोटा जिले के कोलीपुरा गांव में ऐसा नहीं है। यहां शादियों की खुशी दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती क्योंकि गांव में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। यहां लोग बिजली और मोबाइल नेटवर्क जैसी जरूरी चीजों से वंचित हैं। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

बिजली और नेटवर्क की कमी का असर

दरअसल, कोलीपुरा गांव जो राजस्थान के कोटा जिले में पड़ता है। यहां न तो बिजली पहुंची है, और न ही यहां मोबाइल नेटवर्क टावर हैं। यही वजह है कि यहां के लड़कों के लिए शादी के रिश्ते तय करना भी एक बड़ी समस्या बन गई है। रिश्तेदार भी अब इस गांव में आना-जाना नहीं चाहते, क्योंकि बिना इन बुनियादी सुविधाओं के, कोई यहां रहने की सोच भी नहीं सकता। दरअसल, कोलीपुरा गांव मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है, जो इसे और भी अलग बनाता है। टाइगर रिजर्व के इलाके में होने के कारण, गांव के लोग अपनी मर्जी से यहां विकास कार्य नहीं करवा सकते। वन्यजीव विभाग भी इस गांव में किसी प्रकार के विकास कार्य की अनुमति नहीं देता, जिसके कारण गांव की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।

लड़की वाले सुनते ही करते है इंकार 

वहीं इस गांव के लोग बताते हैं कि जब कोई लड़का या लड़की शादी के लिए रिश्ता तय करने जाता है, तो लड़की के परिवार वाले यह सुनते ही रिश्ते से इंकार कर देते हैं। उनका कहना होता है कि बिना बिजली और मोबाइल नेटवर्क के, गांव में कैसे रहा जा सकता है? इस कारण गांव के युवाओं की शादी की समस्या और बढ़ गई है। बता दें कि गांव में बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ा है। बच्चों को शिक्षा में भी मुश्किलें आ रही हैं क्योंकि इंटरनेट और ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा का अभाव है। रिश्ते तय करने के लिए भी लोग शहरों में ज्यादा ध्यान देते हैं, क्योंकि बिना मोबाइल नेटवर्क और बुनियादी सुविधाओं के यहां शादी की सोच ही नहीं पाई जाती।

मोबाइल नेटवर्क की समस्या

गांव में करीब 500 से अधिक घर हैं, और हर किसी के पास मोबाइल फोन है, लेकिन यहां नेटवर्क की स्थिति बेहद खराब है। हालांकि, एक व्यक्ति के पास नेटवर्क आता है और वह नेटवर्क पूरे गांव के लिए मददगार साबित होता है, लेकिन यह समस्या गांव के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। कोलीपुरा गांव की यह स्थिति यह दिखाती है कि कुछ गांवों में आज भी बुनियादी सुविधाओं का आभाव है और यह डिजिटल युग में एक बड़ी समस्या बन चुका है। यहां के लोग उम्मीद करते हैं कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान होगा ताकि उनका जीवन बेहतर हो सके।

रिश्तेदारों ने छोड़ा साथ

इस गांव की स्थिति यह है कि यहां के लोग अपने रिश्तेदारों से भी कट गए हैं। जब कोई बाहर से मिलने आता है, तो वह भी बिना नेटवर्क या बिजली की कमी के कारण इस गांव को एक कठिन जगह मानते हैं और अक्सर दूर रहते हैं। कोलीपुरा गांव का यह उदाहरण यह दिखाता है कि डिजिटल इंडिया का सपना पूरे देश में साकार हो रहा है, लेकिन कुछ गांव अभी भी उन बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं, जो हर इंसान के जीवन में होने चाहिए।

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