पंजाब : 30 दिसंबर को पंजाब में किसान नेताओं द्वारा पंजाब बंद की घोषणा की गई है। यह बंद किसानों की 13 प्रमुख मांगों, जिसमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर आंदोलन शामिल है, को मनवाने के लिए किया जाएगा। यह बंद सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक रहेगा। इस दौरान, केवल आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी, बाकी सभी सेवाएं और संस्थाएं बंद रहेंगी।
किसान नेताओं का सरकार पर आरोप
आपको बता दें कि किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने पुष्टि की कि उन्होंने प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के जजों को पत्र लिखे थे, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। इसके बाद ही पंजाब बंद करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने इस बंद को सफल बनाने के लिए किसानों से अपील की है।
संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य संगठनों का समर्थन
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने पिछले सप्ताह इस बंद का आह्वान किया था। इस बंद को पंजाब प्रदेश कांग्रेस के किसान सैल का भी समर्थन प्राप्त है, जिसकी पुष्टि इसके अध्यक्ष किरणजीत सिंह मीठा ने की है। किसान नेताओं ने पंजाब भर में अलग-अलग स्थानों पर ड्यूटी लगाई है ताकि बंद को सफल बनाया जा सके। इसके साथ ही किसान नेताओं ने व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, कर्मचारी संघों, टोल प्लाजा कर्मचारियों, मजदूरों, पूर्व सैनिकों, सरपंचों, शिक्षक संघों, सामाजिक संगठनों, निगमों और अन्य निकायों से अपील की है कि वे इस पंजाब बंद को अपना समर्थन दें। उनका मानना है कि इस बंद से केंद्र सरकार को किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए मजबूर किया जा सकेगा।
किसान आंदोलन में क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा?
इस दिन पंजाब के सभी स्कूल, कॉलेज, रोडवेज बसें, दुकानें, शिक्षण संस्थान, रेल सेवाएं, ऑफिस, और सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। लेकिन, आपातकालीन सेवाएं जैसे एंबुलेंस, केमिस्ट शॉप्स, और एयरपोर्ट से उड़ानें जारी रहेंगी। इसके अलावा, दुल्हा-दुल्हन को नहीं रोका जाएगा और पेपर देने जा रहे छात्रों को भी नहीं रोका जाएगा। किसान नेताओं का कहना है कि यह बंद किसानों की लंबित मांगों को सरकार तक पहुंचाने का एक तरीका है। किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है, इसलिए उन्हें अपनी आवाज बुलंद करने के लिए यह कदम उठाना पड़ा।