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मुस्लिम आरक्षण पर बवाल, राज्यसभा में भारी हंगामा… कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित

नेशनल डेस्क : सोमवार को राज्यसभा में एक बड़ा हंगामा हुआ, जब केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कर्नाटका के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के मुस्लिम आरक्षण पर दिए गए बयान का मुद्दा उठाया। इस बयान को लेकर बहस छिड़ गई और स्थिति इतनी गर्म हो गई कि राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2:00 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके साथ ही लोकसभा की भी कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

संविधान में बदलाव की बात

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि डीके शिवकुमार ने कर्नाटका विधानसभा में संविधान में बदलाव की बात की है, जो संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। उनका कहना था कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना संविधान का उल्लंघन है। रिजिजू ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए कहा कि संविधान में बदलाव की कोई बात नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के खिलाफ है।

धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं

राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस पार्टी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने स्पष्ट रूप से कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटका में मुस्लिम समुदाय के लिए चार फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है। नड्डा ने कर्नाटका के डिप्टी सीएम के बयान को असंवैधानिक करार दिया और कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो संविधान को बदलने की बात करने वालों को विपक्ष के नेता को इसका जवाब देना चाहिए।

 संविधान को नहीं बदला जा सकता

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि बाबा साहब ने जो संविधान देश को दिया है, उसे कोई भी नहीं बदल सकता। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से संविधान की रक्षा का संकल्प लिया है और कर्नाटका के डिप्टी सीएम द्वारा संविधान बदलने की कोई बात नहीं की गई।

 कांग्रेस को जवाब देने की मांग

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने इस पर कर्नाटका के डिप्टी सीएम के बयान का हवाला दिया और कांग्रेस पार्टी को चुनौती दी कि वह इस पर कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम लीग की नीति को बढ़ावा दिया, जिसे बाबा साहब ने नकारा था, और इस प्रकार पार्टी ने बाबा साहब के योगदान को कमतर करने का काम किया है। राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस हुई और सभी दलों ने अपने-अपने पक्षों को मजबूती से प्रस्तुत किया। धर्म आधारित आरक्षण पर विवाद जारी है और इस पर आगे की बहस जारी रहने की संभावना है।

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