नई दिल्ली : 15 फरवरी, 2025 की रात करीब साढ़े 8 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14 और 15 पर एक भयंकर भगदड़ मच गई। इस हादसे में 18 लोगों की जान चली गई, जिनमें 4 पुरुष, 9 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल थे। हादसे के बाद घायल हुए लोगों को दिल्ली के LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। रेलवे मंत्री ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। वहीं एक कुली ने बताया कि प्लेटफार्म पर इतना बड़ा हादसा कैसे हो गया। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से…
कुली का बयान
आपको बता दें कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि वह 1981 से इस काम में लगे हैं, लेकिन उन्होंने इससे पहले कभी ऐसी भयंकर भीड़ नहीं देखी। उन्होंने बताया कि प्रयागराज स्पेशल ट्रेन का प्रस्थान प्लेटफॉर्म नंबर 12 से होना था, लेकिन उसे अचानक प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर शिफ्ट कर दिया गया। इस बदलाव के कारण प्लेटफॉर्म 12 पर मौजूद भीड़ और बाहर से आने वाली भीड़ प्लेटफॉर्म 16 की ओर बढ़ने लगी। इससे लोग आपस में टकराने लगे और एस्केलेटर और सीढ़ियों पर गिरने लगे।
#WATCH | Stampede at New Delhi railway station | A porter (coolie) at the railway station says “I have been working as a coolie since 1981, but I never saw a crowd like this before. Prayagraj Special was supposed to leave from platform number 12, but it was shifted to platform… pic.twitter.com/cn2S7RjsdO
— ANI (@ANI) February 16, 2025
भीड़ को नियंत्रित करने में दिक्कतें
कुली ने आगे बताया कि इस दौरान भीड़ को रोकने के लिए कई लोग जमा हो गए थे, लेकिन नियंत्रण नहीं हो सका। स्थिति इतनी खराब हो गई कि प्लेटफॉर्म पर सिर्फ जूते और कपड़े पड़े हुए थे, लेकिन कोई भी प्रशासनिक मदद नहीं पहुंची थी।
कुली भाईयों ने दी मदद
कुली ने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर कम से कम 15 शवों को उठाकर एम्बुलेंस में डाला। उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन के बजाय कुली भाईयों ने 3 घंटे तक मदद की। जब उन्होंने पुलिस को बुलाने के लिए फोन किया, तो पुलिस ने कहा कि हंगामा मत करें, पुलिस आएगी। बाद में पुलिस और दमकल गाड़ियां आईं और कुछ एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंची, जिससे घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। यह हादसा इस बात का प्रमाण है कि स्टेशन पर यात्री सुरक्षा की गंभीर कमी हो सकती है, और यह घटना इस ओर इशारा करती है कि रेलवे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के उपायों को और मजबूत किया जाना चाहिए।