नेशनल डेस्क : केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर अपनी तैयारियों को तेज कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, वक्फ बिल 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जा सकता है। यह बिल वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से लाया जा रहा है। इस बिल के सदन में पेश होने के बाद, दोनों सदनों में इसे पारित कराने के लिए महज दो दिन ही मिलेंगे, क्योंकि बजट सत्र का दूसरा चरण जल्द ही समाप्त हो जाएगा। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
पिछले सत्र में पेश हुआ था वक्फ विधेयक
आपको बता दें कि वक्फ बिल पिछले सत्र में भी लोकसभा में पेश किया गया था, लेकिन उस समय विपक्षी दलों ने इस पर तीव्र विरोध जताया था। उनके भारी हंगामे के बाद, यह विधेयक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था। अब सरकार ने इसे फिर से पेश करने का निर्णय लिया है, और इस बार वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए नए प्रयास किए जा रहे हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य
वक्फ संशोधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की बेहतर निगरानी और प्रबंधन सुनिश्चित करना है। इसमें वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए प्रावधान किए गए हैं, ताकि वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से इस्तेमाल हो सके और किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
संयुक्त समिति की भूमिका
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई में एक संयुक्त समिति गठित की गई थी, जो इस विधेयक के विभिन्न पहलुओं पर विचार करेगी। इस समिति ने विधेयक के मसौदे पर विस्तृत चर्चा की और अब इस पर अंतिम फैसला लेने का समय आ चुका है।
विपक्ष का विरोध
विपक्षी दल इस विधेयक पर पहले भी अपनी आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। उनका कहना है कि सरकार का यह कदम वक्फ बोर्डों के कार्यों को केंद्रीकरण की दिशा में बढ़ावा देगा, जिससे इन बोर्डों की स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है। विपक्षी दलों के विरोध के कारण ही यह बिल पहले जेपीसी के पास भेजा गया था। अब वक्फ बिल के 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश होने के बाद, इसकी पारित कराने की प्रक्रिया शुरू होगी। विपक्ष के विरोध के बावजूद, सरकार इसे पारित कराने के लिए सभी कदम उठा रही है। इस विधेयक की पारित होने की स्थिति में वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में सुधार संभव होगा, जिससे वक्फ संपत्तियों के बेहतर उपयोग की उम्मीद जताई जा रही है।