पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले कल बनवारी लाल पुरोहित ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी। इसी मुलाकात के बाद उन्होंने राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र भेज दिया है। गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित के त्यागपत्र के साथ ही पंजाब में राज्यपाल का पद तो खाली हुआ ही है साथ ही चंडीगढ़ के प्रशासक का भी पद खाली हो गया है।
राष्ट्रपति को भेजे अपने त्यागपत्र में गवर्नर ने लिखा है कि वह अपने निजी कारणों और अन्य व्यस्तताओं के कारण अपने पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। उन्होंने त्यागपत्र में लिखा है कि वह गवर्नर और Union Territory चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। उन्होंने राष्ट्पति से आग्रह किया कि उनका त्यागपत्र स्वीकृत किया जाए।
देखें राज्यपाल पुरोहित के इस्तीफा
तमिलनाडू के ट्रांसफर होकर पंजाब आए थे
राजस्थान के नवलगढ़ से संबंध रखने वाले बनवारी लाल पुरोहित भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं। भाजपा की केंद्र में सरकार आने के बाद इन्हें साल 2016 से 2017 तक असम का गवर्नर लगाया गया। उसके बाद बनवारी लाल पुरोहित का ट्रांसफर तमिलनाडू में कर दिया गया था।
वह साल 2017 से 2021 तक तमिलनाडू के गवर्नर रहे। वहां से अगस्त 2021 में विधानसभा चुनाव से एेन पहले पंजाब में ट्रांसफर कर दिया गया था। लेकिन बनवारी ला ल पुरोहित ने सितंबर महीने में पदभार संभाला था। बनवारी लाल पुरोहित का पंजाब में 2 साल 5 महीने और 2 दिन काल कार्यकाल रहा।
CM मान के साथ पत्र युद्ध को लेकर आए थे चर्चा में
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित आम आदमी पार्टी सरकारव आने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्रों को लेकर काफी चर्चा में आए थे। उन्होंने सरकार में की गई नियुिक्तियोंं, स्कूलों के प्रिंसिपलों को ट्रेनिंग के लिए विदेश में भेजने के साथ-साथ मंत्री कटारूचक पर कार्रवाई के साथ-साथ पंजाब में नशे को लेकर कई पत्र मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे थे।
जब-जब बार-बार पत्र लिखने के बावजूद भी सरकार ने उन्हें कोई रिप्लाई नहीं दिया तो उन्होंने संविधान में प्रदत्त शक्तियों का उल्लेख करते हुए और मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक होने के साथ मुख्यमंत्री को राज्यपाल के प्रति जवाबदेह होने का हवाला देते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। जिस पर मुख्यमंत्री विधानसभा में उनके पत्रों को लव लैटर कहकर उन पर तंज भी कसा था।
नशे पर सरकार को घेरने की कोशिश की थी
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने आम आदमी पार्टी की सरकार को नशे के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की थी। उन्होंने खुद चीफ सेक्रेटरी और DGP को साथ लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया था। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाए थे कि पंजाब गांव-गांव में जनरल स्टोरों पर सामान की तरह नशा बिकता है। ड्रग्स स्कूलों में भी पहुंच गई है।
इसके अलावा भगवंत सरकार ने जो विशेष विधानसभा सत्र बुलाए थे उन्हें स्वीकृति न देकर उन में पास किए बिलों को रोक दिया था। साथ ही पत्र लिख कर कहा था कि यह सत्र गैर संवैधानिक थे और इनमें पास किए गए सभी बिल भी गैर कानूनी हैं। इन्हें वह स्वीकृति नहीं दे सकते। जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर राहत ली थी।
सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्यपाल की कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब की भगवंत मान सरकार को राहत देते हुए राज्यपाल पर तीखा कमेंट करते हुए कहा था कि वह आग से खेलने का काम कर रहे हैं।