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संविदा कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, SC ने राजस्थान सरकार की याचिका खारिज की…

नेशनल डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसके तहत राजस्थान काउंसिल फॉर एलीमेंट्री एजुकेशन (RCEE) ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। इस फैसले के तहत सुप्रीम कोर्ट ने सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के संविदा कर्मचारियों के समायोजन का रास्ता साफ कर दिया। इस फैसले.

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नेशनल डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसके तहत राजस्थान काउंसिल फॉर एलीमेंट्री एजुकेशन (RCEE) ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। इस फैसले के तहत सुप्रीम कोर्ट ने सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के संविदा कर्मचारियों के समायोजन का रास्ता साफ कर दिया। इस फैसले से उन कर्मचारियों को राहत मिली है जिनका लंबे समय से समायोजन लंबित था। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

क्या था मामला ?

आपको बता दें कि राजस्थान सरकार ने राजस्थान हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें SSA के कुछ संविदा कर्मचारियों का समायोजन करने का निर्देश दिया गया था। यह याचिका राजस्थान सरकार ने दायर की थी, जिसमें सरकार ने दावा किया था कि इन कर्मचारियों को सीधे समायोजित नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से भर्ती किए गए थे। हालांकि, हाई कोर्ट ने कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई की और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अध्यक्षता में यह फैसला सुनाया। पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का महत्व

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से राज्य सरकार को यह निर्देश दिया गया है कि वह SSA के तहत कार्यरत संविदा कर्मचारियों को समायोजित करे। अब यह फैसला अंतिम हो गया है और राज्य सरकार को इन कर्मचारियों के समायोजन की प्रक्रिया को लागू करना होगा।

संविदा कर्मचारियों के लिए राहत

यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो लंबे समय से अपनी नौकरी की स्थिरता और भविष्य को लेकर चिंतित थे। अब उन्हें SSA के तहत स्थायी कर्मचारियों के समान लाभ और अधिकार मिलेंगे। राजस्थान सरकार को अब इन कर्मचारियों का समायोजन करना होगा, जिससे उन्हें स्थायी कर्मचारियों के बराबर लाभ मिलेंगे। हालांकि, सरकार के पास यह विकल्प भी है कि वह इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती है, क्योंकि इस फैसले का वित्तीय और प्रशासनिक प्रभाव हो सकता है।

फैसले का व्यापक प्रभाव

यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला न केवल इन 748 कर्मचारियों के लिए राहत देने वाला है, बल्कि यह सरकारी कर्मचारियों के समायोजन से जुड़े अन्य मामलों के लिए एक मिसाल भी बन सकता है। यह फैसला संविदा कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करता है और सरकारी कार्यक्रमों में समान अवसरों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राजस्थान सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि संविदा कर्मचारियों को SSA के तहत समायोजित किया जाएगा, जिससे उनकी स्थिरता और अधिकार सुनिश्चित हो सकेंगे। इस फैसले से कर्मचारियों को दी गई राहत एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अन्य सरकारी कार्यक्रमों में संविदा कर्मचारियों के समायोजन के मामलों में भी एक अहम मिसाल पेश करेगा।

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