नई दिल्ली:सुगम्य पारिवारिक शौचालय परियोजना के तहत सुगम्य शौचालयों पर 1554 से अधिक स्थानीय प्लंबर और राजमिस्त्री को प्रशिक्षित किया गया है। विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर एक्सेसिबिलिटी/सुगम्यता संगठन स्वयं, एवं सहयोगी एजेंसी फाउंडेशन फॉर एक्सेसिबल एक्वानिर एंड सेनिटेशन के साथ मिल कर सुगम्य पारिवारिक शौचालय परियोजना के प्रमुख निष्कर्षों काे जारी किया है।
प्रारंभिक मूल्यांकन सर्वे से पता चला कि कम गतिशीलता वाले 76 प्रतिशत से अधिक व्यक्तियों को सुगम्यता,स्वच्छता जैसी सुविधाओं तक पहुंचने के लिए बहुत ही संघर्ष करना पड़ता है। स्वयं ने 2019 में इस परियोजना की शुरुआत की और 4 वर्षों में, 24,500 से अधिक स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), संयुक्त दायित्व समूह (जेएलजी), और समुदाय-आधारित संगठनों (सीबीओ) को संवेदनशील बनाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 1.5 करोड़ व्यक्तियों तक पहुंचने में मदद मिली है सुगम्य शौचालयों पर 1554 से अधिक स्थानीय प्लंबर और राजमिस्त्री को प्रशिक्षित किया है।