कोयंबटूर : वैश्विक बाजार में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए कपड़ा और परिधान उद्योग को दीर्घकालिक नजरिए के साथ एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। साउदर्न इंडिया मिल्स एसोसिएशन (एसआईएमए) के अधिकारियों ने बात कही। उन्होंने कहा कि रोजगार देने के लिहाज से कपड़ा और परिधान उद्योग का कृषि के बाद दूसरा स्थान है।
यह क्षेत्र जीएसटी के रूप में 30,000 करोड़ रुपए का राजस्व देता है और 44 अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा अर्जित करता है। एसआईएमए के चेयरमैन एसके सुंदररमन ने कहा कि उद्योगों को हाल के दिनों में कच्चे माल के मोर्चे पर संरचनात्मक मुद्दों, उत्पादन की उच्च लागत, संचालन के पैमाने सहित अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
एसो. संरचनात्मक मुद्दों का समाधान करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने का प्रयास करेगा। एसोसिएशन के अधिकारियों के अनुसार केंद्र सरकार कपड़ा और परिधान उद्योग की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर जोर दे रही है और उसने कई मुद्दों पर ध्यान दिया है।