नई दिल्ली: मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस (एमसीए) और मेटा ने व्हाट्सएप्प पर तथ्य-जांच हैल्पलाइन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इसका मकसद डीपफेक और एआई-जनित भ्रामक सामग्रियों से निपटना है। यह सेवा मार्च, 2024 में जनता के लिए उपलब्ध होगी। डीपफेक पर नकेल कसने का संकल्प ऐसे समय में आया है जब दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र आम चुनाव की तैयारी कर रहा है। इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं।
एक बयान के अनुसार, एमसीए और मेटा कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल करके बनाई गई सामग्री से निपटने के प्रयास के तहत व्हाट्सएप्प पर तथ्य-जांच हैल्पलाइन शुरू करने पर काम कर रहे हैं। कृत्रिम मेधा (एआई) से बनी सामग्री सार्वजनिक हित के मामलों में लोगों को धोखा दे सकती है। ऐसी सामग्री को आमतौर पर डीपफेक कहा जाता है। इस सेवा का मकसद लोगों को सत्यापित और विश्वसनीय जानकारी से जुड़ने में सहायता करना है। बयान के मुताबिक, यह सेवा मार्च, 2024 से उपलब्ध होगी। एमसीए व्हाट्सएप्प हैल्पलाइन पर प्राप्त होने वाले सभी इनबाऊंड संदेशों को प्रबंधित करने के लिए एक डीपफेक वेिषण इकाई स्थापित करेगा।