नई दिल्ली: अडाणी पावर लिमिटेड (एपीएल) ने बुधवार को कहा कि वह गुजरात के मुंद्रा स्थित संयंत्र में 330 मेगावाट का बॉयलर चलाने के लिए कोयले के साथ हरित अमोनिया का उपयोग करेगी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि हरित अमोनिया की मात्रा कुल ईंधन आवश्यकता का 20 प्रतिशत तक होगी। इससे कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी।
बयान के मुताबिक, ”अडाणी पावर ने कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए अपनी बहुआयामी पहल के तहत मुंद्रा संयंत्र में हरित अमोनिया दहन पायलट परियोजना शुरू की है। परियोजना के हिस्से के रूप में मुंद्रा संयंत्र में 330 मेगावाट के बॉयलर में पारंपरिक कोयले के साथ 20 प्रतिशत तक हरित अमोनिया को जलाया जाएगा।” हरित हाइड्रोजन से निकाली गई हरित अमोनिया में कार्बन नहीं होता है और इसके दहन से कार्बन डाई-ऑक्साइड का उत्सर्जन भीनहीं होता है।