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CBI ने बैंक धोखाधड़ी मामले में Mandhana Industries के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की

नयी दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई की कंपनी मंधाना इंडस्ट्रीज (अब जीबी ग्लोबल लि.) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। कंपनी पर बैंक ऑफ बड़ौदा की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ के साथ 975.08 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का आरोप है। बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने यह कार्रवाई की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कंपनी के पूर्व प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम छगनलाल मंधाना, पूर्व कार्यकारी निदेशक मनीष बिहारीलाल मंधाना और कुछ अन्य लोगों ने धन जुटाने को लेकर आपराधिक साजिश के जरिये बैंकों के समूह को धोखा दिया।

मंधाना परिवार के नियंत्रण वाली 39 साल पुरानी कंपनी ने 2008 में बैंक आफ बड़ौदा से कर्ज सुविधाओं का लाभ उठाना शुरू किया। बैंक ने उनके कर्ज खाते को 31 दिसंबर, 2016 को गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया। बैंकों ने एक फॉरेंसिक आडिट का आदेश दिया। इस आडिट में कई अनियमितताओं की बात सामने आई। इसमें कंपनी के स्तर पर अन्य अन्य इकाइयों के लिये गये कर्जों को निपटाने के लिये कर्ज का उपयोग शामिल है। साथ ही कर्ज के उपयोग के लिये फर्जी खरीदारी दिखाई गयी।

आडिट में धोखाधड़ी वाले लेनदेन और संबंधित पक्षों के बीच लेन-देन का भी संकेत मिला। इससे ‘सर्कुलर ट्रेंडिग’ और कोष के दुरुपयोग की बात सामने आई। ‘सर्कुलर ट्रेंडिग’ शेयर बाजार में एक प्रकार की धोखाधड़ी है। इसमें आपस में जुड़े सदस्य ही खरीद-बिक्री करते हैं। इससे कारोबार की मात्रा बढ़ जाती है, जबकि शेयरों के स्वामित्व में कोई बदलाव नहीं होता।

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