विवाद से विश्वास-एक योजना में MSME के 256 करोड़ रुपये के दावे मंजूर

  नई दिल्ली: सरकार ने विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास-एक’ के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के 256 करोड़ रुपये के रिफंड से जुड़े 10,000 से अधिक दावों को स्वीकार कर लिया है। इस समाधान योजना के तहत एमएसएमई कंपनियां कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा.

 

नई दिल्ली: सरकार ने विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास-एक’ के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के 256 करोड़ रुपये के रिफंड से जुड़े 10,000 से अधिक दावों को स्वीकार कर लिया है। इस समाधान योजना के तहत एमएसएमई कंपनियां कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा जब्त की गई प्रदर्शन या बोली गारंटी के 95 प्रतिशत राशि के रिफंड का दावा कर सकती हैं।

इस योजना की घोषणा वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में की गई थी। यह योजना 17 अप्रैल को खुली और सरकारी खरीद पोर्टल जीईएम पर दावे जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों ने ‘विवाद से विश्वास-एक’ योजना के तहत एमएसएमई के 10,000 से अधिक दावों को स्वीकार कर लिया है।

इससे एमएसएमई को 256 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान मिला है और गारंटी मुक्त करने से बैंक ऋण का प्रवाह भी बढ़ा है।’’ इसमें एमएसएमई को सबसे ज्यादा 116.47 करोड़ रुपये की राहत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दी है। इसमें निपटाए गए दावे और पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एजेंसियों द्वारा भुगतान की गई राशि शामिल है। रेलवे और रक्षा मंत्रालयों के तहत एजेंसियों के मामले में निपटान क्रमश? 79.16 करोड़ रुपये और 23.45 करोड़ रुपये का है।

वहीं इस्पात और बिजली मंत्रालय क्रमश? 14.48 करोड़ और 6.69 करोड़ रुपये के रिफंड दावों का निपटान करेंगे। योजना के दायरे में कार्य खरीद और कमाई अनुबंध भी शामिल हैं। अनुबंधों के निष्पादन में चूक के कारण वंचित एमएसएमई को भी राहत प्रदान की गई। मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस योजना के तहत दी गई राहत कोविड-19 महामारी से गंभीर रूप से प्रभावित एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के सरकारी प्रयासों के अनुरूप थी।

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