नई दिल्ली: अदाणी ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ अमेरिका के न्याय विभाग (डीओजे) द्वारा दाखिल किया गया आरोप पत्र केवल पैसों की बर्बादी है। जैसे ही अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद का कार्यभार सभालेंगे, तो विदेशी व्यवसायों के साथ सरकारी कार्यालयों को जोड़ने वाली ऐसी व्यर्थ कवायद शायद समाप्त हो जाएगी। यह बयान दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस ने मंगलवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिया।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर अमेरिकी न्याय विभाग की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि क्या इसका इस्तेमाल राजनीति से प्रेरित कार्यों के लिए किया जा रहा है।
मोबियस ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, डोनाल्ड ट्रंप डीओजे में जिस भी व्यक्ति को नियुक्त करेंगे, वह विभाग के अधिकारियों से कहेगा कि आप लोग क्या कर रहे हैं और क्यों एक कारोबारी समूह के काम के बीच में आ रहे हैं।
उभरते हुए बाजारों के लिए मोबियस ईएम अपॉर्चुनिटी फंड चलाने वाले मोबियस ने कहा कि इसकी काफी संभावना है कि अमेरिकी न्याय विभाग अदाणी समूह की जांच और ट्रायल से दूर हो जाएगा।
दिग्गज निवेशक ने कहा कि मेरा मानना है कि इसका एक और अर्थ यह होगा कि अमेरिका में न्याय विभाग का पुनर्गठन किया जाएगा तथा उसे विदेशी मामलों में कम से कम तथा घरेलू मामलों में अधिक से अधिक शामिल होने के लिए कहा जाएगा।
अमेरिका के न्याय विभाग और यूएस सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) द्वारा न्यूयॉर्क की एक जिला अदालत में अदाणी समूह के अधिकारियों के खिलाफ एक आरोप पत्र दाखिल किया गया है। अदाणी समूह द्वारा इन आरोपों को आधारहीन बताया गया और साथ ही कहा गया कि इसके बचाव के लिए सभी जरूरी कानूनी सहायता ली जाएगी।
अमेरिका से संबंधित घटनाक्रमों के बावजूद अदाणी समूह के शेयरों के अच्छे प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा कि अदाणी समूह के पीछे पड़े हेज फंडों की पोजीशन अब समाप्त हो गई है।
मोबियस ने आगे कहा, बहुत सारे निवेशकों ने इस बात पर ध्यान देना शुरू कर दिया है कि अदाणी पर दबाव है, लेकिन समूह आराम से अपने कारोबार का संचालन कर पा रहा है और भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करेगा।
अमेरिकी न्याय विभाग के आरोपों के बाद आई गिरावट से उबरते हुए अदाणी समूह के शेयरों में तेजी देखने को मिली है और समूह का मार्केट कैप तीन दिनों में 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ा है।
अमेरिकी फाइनेंशियल रिसर्च फर्म बर्नस्टीन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा समय में अदाणी ग्रुप की कंपनियों की वित्तीय स्थिति 2023 में हुए हिंडनबर्ग हमले के मुकाबले काफी मजबूत है।
रिपोर्ट में कहा गया कि यूएस मामले के बाद भी अदाणी ग्रुप की जड़ें चार प्रमुख बिंदुओं जैसे शेयर-गिरवी, लीवरेज, लोन भुगतान और मूल्यांकन में मजबूत बनी हुई हैं।