नई दिल्लीः डीएसपी म्यूचुअल फंड ने डीएसपी मल्टी एसेट एलोकेशन फंड (डीएसपी एमएएएफ) के लॉन्च की घोषणा की है जो 7 सितंबर 2023 को खुलेगा और 21 सितंबर 2023 को बंद हो जाएगा। कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यह एक ओपन-एंडेड स्कीम है और जिसका उद्देश्य निवेशकों को इक्विटी की तरह लंबी अवधि का रिटर्न ऑफर करना है, लेकिन साथ में बाजार में गिरावट की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त लचीलापन (रेजिलिएंस) भी ऑफर करना है। डीएसपी एमएएएफ का लक्ष्य घरेलू इक्विटी, अंतरराष्ट्रीय स्टॉक, डेट इंस्ट्रूमेंट, गोल्ड ईटीएफ, अन्य कमॉडिटीज और ईटीएफ व एक्सचेंज ट्रेडेड कमॉडिटी डेरिवेटिव्स (ईटीसीडी) जैसे एसेट क्लास में निवेश को डायवर्सिफाइ कर निवेशकों को फायदा दिलाना और ओवरऑल रिस्क को कम करना है।
ऐतिहासिक डेटा से यह पता चलता है कि कौन सा एसेट क्लास सबसे अच्छा प्रदर्शन करेगा, यह साल दर साल के हिसाब से अलग हो जाता है। इससे यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि हर साल कौन एसेट क्लास सबसे बेहतर रिटर्न देगा। इस कारण सबसे अच्छा दांव होता है कि कई एसेट क्लास में निवेश किए जाएं। डीएसपी एमएएएफ 3 प्रमुख लेकिन सरल पहलुओं के आधार पर एसेट का एलोकेशन करेगा – अलग अलग एसेट क्लास से लंबे समय में मिल सकने वाला रिटर्न, उनकी वास्तविक अस्थिरता और विभिन्न एसेट क्लास के बीच आपस में संबंध। इसके पीछे ये सोच है कि जब पोर्टफोलियो में शामिल एसेट क्लास का आपस में कम से कम संबंध होगा, ऐसे में अगर एक एसेट क्लास खराब परफॉर्म करता है तब शायद कोई दूसरा एसेट क्लास बेहतर परफॉर्म करे, जो निवेशकों के अनुभव को बेहतर बना सकता है।
इसके अलावा, मल्टी एसेट मॉडल पोर्टफोलियो के ऐतिहासिक रिटर्न ने इक्विटी की तुलना में काफी कम अस्थिरता के साथ घरेलू इक्विटी के जैसा रिटर्न दिया है। डीएसपी एमएएएफ इक्विटी में 35 से 80 फीसदी के बीच निवेश कर सकता है, जिसमें से 50 फीसदी तक निवेश अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में हो सकता है। यह ऋण में 10 से 50 फीसदी, गोल्ड ईटीएफ में 10 से 50 फीसदी, ईटीएफ और ईटीसीडी के माध्यम से अन्य कमॉडिटीज में 0 से 20 फीसदी और रीट व इनविट में 10 फीसदी तक निवेश कर सकता है।
दीर्घकालिक निवेशकों को कैपिटल गेन टैक्स के मामले में इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा, जैसा कि डेट स्कीम के मामले में मिलता है। अगर निवेशक ऐसे फंड में कम से कम तीन साल के लिए पैसे लगाते हैं, तो ऐतिहासिक डेटा से पता चलता है कि इंडेक्सेशन, डेट या इक्विटी टैक्सेशन के फायदे को जोड़ने के बाद निवेशकों के नेट रिटर्न पर कोई खास असर नहीं पड़ता है।