मुंबई: घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को शुरुआत के साथ ही गिरावट का रुझान देखा गया। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों में शुरुआती कारोबार में भारी नुकसान हुआ। बीएसई सेंसेक्स 578.3 अंक की गिरावट के साथ 81,018.33 अंक पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी 203.45 अंक फिसलकर 24,610 अंक पर आ गया। बाद में गिरावट और गहरी हो गई और सेंसेक्स 746.48 अंक नीचे 80,832.82 अंक पर कारोबार करता नजर आया। वहीं, निफ्टी 233.80 अंक गिरकर 24,575.65 अंक पर चला गया।
-सेंसेक्स के स्टॉक्स में भारी गिरावट
सेंसेक्स में शामिल 30 प्रमुख कंपनियों में से पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में सबसे अधिक नुकसान हुआ। इन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट ने बाजार की दिशा को और प्रभावित किया। वहीं, अदाणी पोर्ट्स और इंडसइंड बैंक के शेयरों में सकारात्मक रुझान देखा गया, जो बाजार में कुछ राहत का संकेत दे रहे थे।
-एशियाई बाजारों में मिश्रित रुझान
एशियाई बाजारों में भी वैश्विक स्थिति का असर दिखाई दिया। जापान का निक्की 225, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे, जबकि चीन का शंघाई एसएसई कम्पोजिट सकारात्मक रुझान के साथ लाभ में रहा। यह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता और निवेशकों की चिंताओं को दर्शाता है।
-अंतरराष्ट्रीय बाजारों का असर
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी दबाव नजर आया, खासकर अमेरिकी शेयर बाजार में बुधवार को भारी गिरावट आई। इसके बाद, वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में मामूली गिरावट आई और ब्रेंट क्रूड 0.05 प्रतिशत की कमी के साथ 64.88 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर रहा। हालांकि, इस गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजारों में ज्यादा नजर आया, जो दिनभर की कारोबारी गतिविधियों में लगातार नीचे की ओर बढ़ते गए।
-एफआईआई ने बाजार में बनाए रखा सकारात्मक रुझान
इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने बुधवार को भारतीय बाजार में शुद्ध रूप से 2,201.79 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे यह संकेत मिला कि वे भारतीय शेयर बाजार को लेकर सकारात्मक रुख बनाए हुए हैं। हालांकि, इसके बावजूद बाजार में गिरावट का दबाव बना रहा, जो मुख्य रूप से घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती अनिश्चितताओं के कारण था।
-निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिप्रेक्ष्य और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के चलते निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। खासकर तब जब अमेरिकी बाजारों और एशियाई बाजारों में अस्थिरता देखी जा रही है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी पोर्टफोलियो रणनीतियों की समीक्षा करें और जोखिम को कम करने के लिए विविधीकरण पर ध्यान दें।