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भारत व्यापार, निवेश, सुविधा को बढ़ावा देने के लिए ‘EFTA Desk’ की करेगा स्थापना 

व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के लिए पिछले वर्ष 10 मार्च को एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

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नई दिल्ली: भारत, यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ व्यापार, निवेश व व्यवसाय सुविधा को बढ़ावा देने के लिए एक सर्मिपत मंच ‘ईएफटीए डेस्क’ स्थापित कर रहा है। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। भारत और चार यूरोपीय देशों के ईएफटीए (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) ने व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के लिए पिछले वर्ष 10 मार्च को एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

इस समझौते को आधिकारिक तौर पर व्यापार एवं आर्थिक भागीदारी समझौता (टीईपीए) नाम दिया गया है। इस वर्ष के अंत तक इसके लागू होने की उम्मीद है। बयान के अनुसार, ‘ईएफटीए डेस्क’ का उद्घाटन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा सोमवार को भारत मंडपम में ईएफटीए ब्लॉक के प्रतिनिधियों के साथ किया जाएगा। स्विजरलैंड के विदेश मंत्री हेलेन बुडलिगर आर्टडिा, नॉव्रे के व्यापार एवं उद्योग मंत्री टॉमस नोरवोल, आइसलैंड के स्थायी विदेश मंत्री मार्टिन आइजोलफसन और लिकटेंस्टीन के विदेश मंत्री डोमिनिक हस्लर भी इस मौके पर मौजूद रहेंगे।

वाणिज्य मंत्रलय ने कहा, ‘‘इसका उद्देशय़ भारत और चार ईएफटीए देशों के बीच व्यापार, निवेश और व्यवसाय सुविधा को बढ़ावा देने के लिए एक सर्मिपत मंच के रूप में काम करना है। यह सर्मिपत डेस्क भारत में विस्तार करने की इच्छुक ईएफटीए की कंपनियों के लिए एक केंद्रीकृत सहायता तंत्र के रूप में कार्य करेगा। यह बाजार की जानकारी व विनियामक मार्गदर्शन, व्यापार मिलान तथा भारत की नीति और निवेश परिदृशय़ का मार्ग प्रशस्त करने में मदद करेगा।

इस मौके पर एक उच्च स्तरीय ईएफटीए-भारत व्यापार गोलमेज बैठक भी की जाएगी। डेस्क की स्थापना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि समझौते के तहत भारत को समूह से 15 वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है। वहीं स्विजरलैंड की घड़ियों, चॉकलेट और कटे व पॉलिश हीरों जैसे कई उत्पादों तक कम या शून्य शुल्क पर पहुंच हासिल है।

भारत ने पहली बार किसी किसी व्यापार समझौते में ऐसी शर्तों पर सहमति व्यक्त की है। ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (ईयू) का हिस्सा नहीं हैं। यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और उसे बढ़ाने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना उन देशों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे।

भारत 27 देशों के समूह ईयू के साथ एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर अलग से बातचीत कर रहा है। भारत-ईएफटीए का द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में करीब 24 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि 2022-23 में यह 18.65 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। स्विटजरलैंड, भारत में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार व निवेशक है। इसके बाद नॉव्रे का स्थान आता है। अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 के दौरान भारत को स्विटजरलैंड से 10.72 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला था।

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