दिल्ली में सितंबर में पारा अधिक रहने से बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर

नयी दिल्ली: दिल्ली में सितंबर महीने में पारा अधिक रहने से बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर पहुंच गयी। राष्ट्रीय राजधानी में बिजली वितरण करने वाली कंपनियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राज्य भार पारेषण केंद्र (एसएलडीसी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में सितंबर महीने में 20 से ज्यादा दिन ऐसे रहे जब 2022.

नयी दिल्ली: दिल्ली में सितंबर महीने में पारा अधिक रहने से बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर पहुंच गयी। राष्ट्रीय राजधानी में बिजली वितरण करने वाली कंपनियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राज्य भार पारेषण केंद्र (एसएलडीसी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में सितंबर महीने में 20 से ज्यादा दिन ऐसे रहे जब 2022 के सितंबर महीने की तुलना में बिजली की मांग अधिकतम रही है। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग पांच सितंबर, 2023 को 6,993 मेगावाट रही। यह सितंबर महीने का अबतक का उच्चतम स्तर है।
पिछले साल सितंबर महीने में बिजली की अधिकतम मांग 6,687 मेगावाट रही थी।एक अधिकारी के अनुसार, ‘‘दिल्ली में आसामान्य रूप से जो पारा चढ़ा, उससे बिजली मांग बढ़ी। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में पिछले कुछ महीनों से लगातार अधिक बनी हुई है।’’   सितंबर में केवल एक बार ऐसा मौका आया जब दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 5,000 मेगावाट से नीचे आई। बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा कि वितरण कंपनियों बीएसईएस राजधानी पावर लि. और बीएसईएस यमुना पावर लि. ने अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के साथ क्षमता विस्तार के जरिये बिजली की मांग को पूरा करने में सफल रही है। बीएसईएस ने गर्मी के मौसम में करीब 700 ट्रांसफॉर्मर और सब-स्टेशन जोड़े और उनकी क्षमता बढ़ायी है।
प्रवक्ता के अनुसार, इसके अलावा बीएसईएस क्षेत्र में बिजली आपूíत में 1,500 मेगावाट की हरित बिजली का भी योगदान रहा। उत्तरी दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर-डीडीएल) के प्रवक्ता ने कहा कि सितंबर में रिकॉर्ड बिजली मांग का कारण असामान्य रूप से गर्मी का अधिक होना है।उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले महीनों में त्योहारों के दौरान बिजली की मांग अधिक रह सकती है। वितरण कंपनी अपने ग्राहकों को ऊर्जा की बढ़ती हुई जरूरत को पूरा करने के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।’’ एसएलडीसी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 22 अगस्त को 7,438 मेगावाट रही। वर्ष 2012 के बाद दिल्ली की बिजली की अधिकतम मांग जून और जुलाई में ही अधिक होती थी।प्रवक्ता के अनुसार इससे पहले, दिल्ली में अगस्त में बिजली की मांग कभी भी 7,000 मेगावाट के ऊपर नहीं गयी थी।
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