Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

EOGEPL ने कोयला आधारित मिथेन उत्पादन बढ़ाने के लिए Microbial e-CBM प्रौद्योगिकी में किया निवेश

नई दिल्ली: देश की अग्रणी गैर-परंपरागत हाइड्रोकार्बन (कोल बेड मीथेन) कंपनी एस्सार ऑयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन लिमिटेड (ईओजीईपीएल) ने सोमवार को सीबीएम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए माइक्रोबियल ई-सीबीएम तकनीक में निवेश की घोषणा की। यह पहले आरएंडडी में निवेश और संचालन में सुधार की ईओजीईपीएल की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। ईओजीईपीएल ने कंपनी के रानीगंज-पूर्वी ब्लॉक में ई-सीबीएम माइक्रोबियल प्रौद्योगिकी की क्षमता स्थापित करने के लिए द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) और ओएनजीसी एनर्जी सेंटर (ओईसी) के साथ समझौता किया है। तकनीक का व्यवहार्यता परीक्षण टेरी-ओईसी के सहयोग से पूरा कर लिया गया है और फील्ड में इसे पूरी तरहृ लागू अनुसंधान एवं प्रयोग जारी है।

ईओजीईपीएल के सीईओ, पंकज कालरा ने इस पहल पर टिप्पणी करते हुए कहा, “माइक्रोबियल ई-सीबीएम प्रौद्योगिकी में निवेश उत्पादन और भंडार आधार बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को दशार्ता है। इस पहल के साथ, हम अगले दशक में प्रधानमंत्री के ‘गैस आधारित अर्थव्यवस्था’ बनाने के दृष्टिकोण में योगदान करते हुए गैस उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं।” व्यापक अध्ययन के बाद, कंपनी के रानीगंज-पूर्वी ब्लॉक के पांच कुओं में ई-सीबीएम माइक्रोबियल स्टिमुलेशन पूरा किया गया है। आने वाले तीन से छह महीनों के लिए इन कुओं की निगरानी की जाएगी और परिणामों के आधार पर डिजाइन के अंतिम अनुकूलन के साथ ईओजीईपीएल गैस उत्पादन को अधिकतम करने और भंडार आधार में सुधार करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी को लागू करेगा। माइक्रोबियल उपचार भंडार बढ़ाने के लिए तेल और गैस उद्योग में उपयोग किए जाने वाले “उन्नत पुनर्प्राप्ति विधियों” में से एक है।

माइक्रोबियल स्टिमुलेशन टेक्नोलॉजी की शुरूआत के साथ रिजर्व बेस में 10 प्रतिशत तक सुधार करते हुए सीबीएम गैस के उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है। ईओजीईपीएल ने अब तक रानीगंज सीबीएम ब्लॉक के वाणिज्यिक विकास के अन्वेषण में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है और अब तक सीबीएम के 80 बीसीएफ से अधिक का उत्पादन करने वाली भारत की एकमात्र ईएंडपी कंपनी है। देश में सबसे बड़े सीबीएम उत्पादक के रूप में, ईओजीईपीएल अपने आरएंडडी प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए हाइड्रो-फ्रैकिंग, रेडियल ड्रिलिंग और माइक्रोबियल उपचार जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने अपने रिजर्व बेस को बढ़ाने और भारत के कुल गैस उत्पादन में कम से कम पांच प्रतिशत योगदान करने के लिए सीबीएम उत्पादन बढ़ाने के लिए अतिरिक्त 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है।

Exit mobile version