नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग जगत से कहा कि वह वैश्विक बाजारों का दोहन करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने पर ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता सरकारी सबसिडी या समर्थन से पूरी नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग जगत को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के विनिर्माण के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रही है, क्योंकि उद्योग जगत को यह स्वीकार कराना एक ‘कठिन’ काम है कि उन्हें गुणवत्ता वाला सामान बनाना चाहिए। सरकार को शुरुआत में गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों पर उद्योग से भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।
मंत्री ने कहा, ‘हमारी निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता सबसिडी या सरकारी समर्थन से नहीं आने वाली है। यह दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए हमारे दरवाजे बंद करने से नहीं आने वाली है। अगर हम आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, तो यह तभी हो सकता है जब भारत आत्मविश्वासी होगा और यह आत्मविश्वास तभी आएगा जब हम सभी यह तय करेंगे कि गुणवत्ता हमारा काम नहीं, बल्कि हमारा कर्तव्य है।’उन्होंने कहा कि यदि भारतीय उद्योग किसी ऐसे उत्पाद में प्रतिस्पर्धी नहीं है, जिसे आयात किया जा सकता है, तो उद्योग को प्रतिस्पर्धा की दिशा में काम करना होगा जहां उसे अन्य देशों के साथ तुलनात्मक लाभ हो। सरकार देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) जैसे कई कदम उठा रही है। गोयल ने कहा, ‘भारत को उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं व सेवाओं का विनिर्माता बनने की आकांक्षा रखनी होगी और इसे वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलनी चाहिए।’