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किसानों की हो गई बल्ले बल्ले, GI टैगिंग से महंगे बाजारों में भारतीय फलों का निर्यात शुरू

GI Tagging of Indian Fruits

GI Tagging of Indian Fruits

GI Tagging of Indian Fruits : मोदी सरकार के सहयोग के कारण, भारतीय फलों को पहली बार पश्चिम में अधिक लाभदायक बाजार मिले हैं, जिससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिली है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “महंगे फलों से लेकर पारंपरिक खाद्य पदार्थों तक की यह पहली खेप इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे मोदी सरकार का आत्मनिर्भर भारत का दृष्टिकोण भारतीय किसानों के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि कृषि निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि भारत ने समुद्र के रास्ते प्रीमियम सांगोला और केसर अनार की पहली खेप सफलतापूर्वक ऑस्ट्रेलिया भेज दी है। इससे कम परिवहन लागत पर थोक निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और भारत से ऑस्ट्रेलियाई बाजारों तक ताजे फलों की आसान पहुंच सुनिश्चित होगी, जिससे अधिक भारतीय उत्पादों के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त होगा।

भारतीय अनार पश्चिमी उपभोक्ताओं के बीच सफल साबित हुआ है। देश ने 2023 में अमेरिकी बाजार में हवाई मार्ग से ताजे अनार की अपनी पहली परीक्षण खेप का निर्यात किया। इससे देश के कृषि उत्पादों को वहां के बाजारों में जगह बनाने में मदद मिली। महाराष्ट्र के केसर अनार में निर्यात की काफी संभावनाएं हैं और इसका लगभग 50 प्रतिशत निर्यात राज्य के सोलापुर जिले से होता है। अधिकारियों ने कहा कि जीआई टैगिंग ने भारतीय फलों को विदेशी बाजार में जगह दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारत के अद्वितीय जीआई-टैग वाले पुरंदर अंजीर ने अब यूरोप में अपनी पहचान बना ली है। 2024 में, मोदी सरकार ने पुरंदर अंजीर से बने भारत के पहले रेडी-टू-ड्रिंक अंजीर जूस को पोलैंड को निर्यात करने की सुविधा शुरू की। इससे पहले 2022 में इसे जर्मनी को भी निर्यात किया गया था। पुरंदर अंजीर अपने अनोखे स्वाद और बनावट के लिए जाने जाते हैं। ये पहल विश्व स्तर पर भारत के अद्वितीय कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

2022 में, भारत ने केरल के एर्नाकुलम के वझाकुलम से संयुक्त अरब अमीरात के दुबई और शारजाह के लिए जीआई-टैग वाले ‘वझाकुलम अनानास’ की पहली खेप को भी हरी झंडी दिखाई। इसके परिणामस्वरूप अनानास किसानों की आय बेहतर हुई। फलों के अलावा भारत अनाज निर्यात पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। भारत का चावल निर्यात साल-दर-साल 44.61 प्रतिशत बढ़कर 1.37 बिलियन डॉलर हो गया, जो जनवरी 2024 में 0.95 बिलियन डॉलर था।

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