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सरकार ने चीनी मिलों को गन्ने से इथेनॉल बनाने पर लगाई रोक

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुरुवार को चीनी मिलों को निर्देश दिया कि वे 2023-2024 में इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस का उपयोग न करें। सरकार को चिंता है कि इससे देश का चीनी उत्पादन गिर सकता है जिससे कीमतें बढ़ जाएंगी। पेट्रोल में मिलाने के लिए इथेनॉल की आपूर्त इिंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी तेल विपणन कंपनियों को की जाती है।

सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि चीनी मिलें पेट्रोल के साथ मिलाने की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बी-हैवी गुड़ से इथेनॉल का उत्पादन जारी रख सकती हैं, जो चीनी उत्पादन में एक बाई प्रोडक्ट है। ‘एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया, ‘चीनी (नियंत्रण) आदेश 1966 के खंड 4 और 5 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज को यह निर्देशित किया जाता है कि वे ईएसवाई (इथेनॉल आपूर्त विर्ष) 2023-24 में इथेनॉल के लिए गन्ने के रस/चीनी सिरप का उपयोग तत्काल प्रभाव से न करें।‘‘

खाद्य मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, ’तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा बी-हैवी गुड़ से प्राप्त मौजूदा प्रस्तावों से इथेनॉल की आपूर्ति जारी रहेगी।’ केंद्र ने अक्टूबर में शुरू होने वाले 2023-24 सीजन में किसानों के लिए रिटर्न बढ़ाने के लिए गन्ने की न्यूनतम कीमत 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की थी।

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