नयी दिल्ली: सरकार ने ‘डार्क पैटर्न’ की रोकथाम तथा नियमन के लिए तैयार मसौदा दिशानिर्देशों पर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। ऑनलाइन ग्राहकों को धोखा देने या उनकी पसंद में हेरफेर करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति को ‘डार्क पैटर्न’ कहते हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रलय द्वारा जारी मसौदा दिशानिर्देशों में ऑनलाइन मंचों द्वारा अपनाई जा रही विभिन्न भ्रामक प्रथाओं को सूचीबद्ध किया गया, जो उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ हैं।
आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्रलय ने 30 दिन के भीतर पांच अक्टूबर तक मसौदा दिशानिर्देशों पर सार्वजनिक टिप्पणियां/सुझाव मांगे हैं। मंत्रलय के अनुसार, दिशानिर्देश विक्रेताओं और विज्ञपनदाताओं सहित सभी लोगों और ऑनलाइन मंचों पर लागू किए जाएंगे। मंत्रलय ने कहा कि वह उपभोक्ता हितों की रक्षा करने और एक निष्पक्ष व पारदर्शी बाजार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उसने कहा, ‘‘ प्रस्तावित दिशानिर्देश उद्योग को और मजबूत करेंगे तथा उपभोक्ता के हितों की रक्षा करेंगे।’’