मूंगफली के गिरे दाम ,अन्य सभी तेल-तिलहन कीमतों में हुआ सुधार

  नई दिल्ली: बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में कारोबार का मिला-जुला रुख रहा। नयी फसल की अगले 10-15 दिन में आवक शुरू होने की संभावना के बीच एक ओर जहां मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट देखने को मिली वहीं विदेशों में तेल कीमतों में मामूली बढ़त और त्योहारी मांग निकलने से बाकी सभी.

 

नई दिल्ली: बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में कारोबार का मिला-जुला रुख रहा। नयी फसल की अगले 10-15 दिन में आवक शुरू होने की संभावना के बीच एक ओर जहां मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट देखने को मिली वहीं विदेशों में तेल कीमतों में मामूली बढ़त और त्योहारी मांग निकलने से बाकी सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार दर्ज हुआ। जानकारी के अनुसार, बीते सप्ताह केवल मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट देखने को मिली, क्योंकि आगामी 10-15 दिन के भीतर देश की मंडियों में थोड़ी बहुत मात्रा में मूंगफली की आवक शुरू हो जायेगी।

लेकिन बीते सप्ताह विदेशों में सूरजमुखी तेल का दाम 885 डॉलर से बढक़र 900-910 डॉलर होने के अलावा देश में त्योहारी मांग निकलने से बाकी सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया। विदेशों में पामोलीन तेल के दाम में भी 5-10 डॉलर के बीच सुधार आया है। सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह मंडियों में सरसों की आवक घटी है और इसके अलावा त्योहारी मांग भी धीरे-धीरे बढ़ रही है जिस वजह से सरसों तेल-तिलहन के दाम में मामूली मजबूती आई है।

वैसे बाजार में सरसों अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर बिक रही है। सामान्य कारोबार के बीच सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में भी सुधार आया। सोयाबीन की नयी फसल आने के बाद आगे की स्थिति का कुछ अंदाजा लगाना संभव होगा। विदेशों में दाम सुधरने से कच्चे पाम तेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों में भी बीते सप्ताह सुधार का रुख देखा गया।

सस्ता होने के कारण बीते सप्ताह सूरजमुखी तेल की मांग बढ़ी है जिसका असर अन्य खाद्य तेलों पर सकारात्मक रहा। सूरजमुखी रिफाइंड तेल का भाव पामोलीन तेल के बेहद करीब होने से खुदरा व्यापारी सूरजमुखी तेल की अधिक खरीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों का ऋण साख पत्र (लेटर आफ क्रेडिट-एलसी) चलाते रहने के लिए आयातक घाटे में अपना माल बेच रहे हैं जिसमें विदेशी मुद्रा का नुकसान हो रहा है।

सूत्रों ने कहा कि तेल कीमतों में मामूली सी भी वृद्धि को लेकर चिंता जताने वालों को दूध की बढ़ती महंगाई के बारे में उतनी चिंता जताते नहीं देखा जाता। इन दुधारू मवेशियों का भोजन यानी खल तिलहन पेराई से ही निकलता है। पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 35 रुपये बढक़र 5,510-5,560 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

सरसों दादरी तेल का भाव 120 रुपये बढक़र 10,120 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 10-10 रुपये का लाभ दर्शाता क्रमश: 1,720-1,815 रुपये और 1,720-1,830 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव क्रमश: 10-10 रुपये के मामूली सुधार के साथ क्रमश: 4,980-5,075 रुपये प्रति क्विंटल और 4,730-4,845 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

सोयाबीन दिल्ली तेल के भाव पूर्वस्तर यानी 9,550 रुपये क्विंटल पर बने रहे जबकि सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल के दाम क्रमश: 10 रुपये और 100 रुपये की मजबूती के साथ क्रमश: 9,460 रुपये और 8,000 रुपये रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। मजबूती के आम रुख के उलट नयी फसल की आवक से पहले समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन, मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड के भाव क्रमश: 90 रुपये, 200 रुपये और 25 रुपये टूटकर क्रमश: 7,475-7,525 रुपये, 18,025 रुपये क्विंटल और 2,640-2,925 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।

विदेशी बाजारों में पामोलीन के दाम में सुधार के बाद समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 150 रुपये की मजबूती के साथ 7,750 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 150 रुपये बढक़र 9,000 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला का भाव 100 रुपये लाभ के साथ 8,100 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। तेजी के आम रुख के अनुरूप बिनौला तेल का भाव 25 रुपये के सुधार के साथ 8,525 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

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