सूरत: देश के हीरा उद्योग में मंदी का दौर चल रहा है। बाजार में भारी नुकसान को देखते हुए सूरत की एक कंपनी ने अपने सैकड़ों कर्मचारियों को 10 दिन की छुट्टी पर भेज दिया है। गुजरात के डायमंड वर्कर यूनियन के उपाध्यक्ष भावेश टांक ने बताया कि पिछले दो साल से हीरा उद्योग मंदी से जूझ रहा है।
सूरत से होने वाला इसका निर्यात 82 फीसदी गिर गया है। उन्होंने कहा, “हमने कई बार गुजरात सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग की। लेकिन, सरकार ने कोई उचित कदम नहीं उठाया। मंदी के चलते सूरत की जानी मानी कंपनी ने अपने कर्मचारियों को 10 दिन की छुट्टी पर भेज दिया है।”
इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट के चेयरमैन दिनेश नावाड़िया ने कहा कि भारत का हीरा कारोबार विदेशों के बाजार पर आधारित है। बीते दो साल से मंदी का माहौल है। रूस और यूक्रेन का युद्ध, और अमेरिका में मंदी, कोरोना महामारी के बाद चीन के बाजार में अपेक्षाकृत कमजोर सुधार के कारण विदेशों में मांग कम है।
चीन को निर्यात जहां 35 से 40 फीसदी था, वह घटकर चार-पांच फीसदी रह गया है। चीन और अमेरिका में मांग घटने से भारत में इस उद्योग पर बुरा असर हुआ है। दो साल में 50 फीसदी काम हुआ और 50 फीसदी स्टॉक में ही रहता है। हालांकि, अगर चीन-अमेरिका का मार्केट फिर से खुल जाता है तो सूरत का हीरा कारोबार एक बार फिर फर्राटे भरने लगेगा।