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‘Hybrid mutual fund’ योजनाओं को जून तिमाही में मिला 14,000 करोड़ रुपए का निवेश 

नई दिल्ली: लगातार तीन तिमाहियों में निकासी के बाद हाइब्रिड म्यूचुअल फंड योजनाओं ने निवेशकों को फिर आर्किषत करना शुरू कर दिया है। ऋण कोषों पर कराधान में हालिया बदलाव के बाद जून तिमाही में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड योजनाओं को 14,000 करोड़ रुपए का निवेश मिला है। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड जो शेयर और बॉन्ड या ऋण दोनों प्रतिभूतियों और कई बार सोने जैसी अन्य संपत्तियों में निवेश करते हैं। यह पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में हाइब्रिड योजनाओं में आए 10,084 करोड़ रुपए निवेश से कहीं अधिक है।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन तिमाही में हाइब्रिड कोषों के परिसंपत्ति आधार (एयूएम) और फोलियो (निवेशक खाते) की संख्या में भी वृद्धि हुई। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड मध्यम या कम जोखिम वाले निवेशकों को अधिक आर्किषत करते हैं। इन्हें हमेशा अच्छा निवेश विकल्प माना जाता है, क्योंकि ये शेयर बाजारों में भागीदारी से जुड़े जोखिम को कम करते हैं।आंकड़ों के अनुसार, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में जून तिमाही में 14,021 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। इससे पहले लगातार तीन तिमाहियों में इन कोषों से निवेशकों ने निकासी की थी। निवेशकों ने मार्च तिमाही में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड से 7,420 करोड़ रुपए, दिसंबर तिमाही में 7,041 करोड़ रुपए और सितंबर तिमाही में 14,436 करोड़ रुपए निकाले थे।

जून तिमाही में निवेश दिसंबर, 2021 तिमाही के बाद सर्वाधिक है। तब इन योजनाओं में 20,422 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था। क्लाइंट एसोसिएट्स के सह-संस्थापक हिमांशु कोहली हाइब्रिड योजनाओं में निवेश के लिए ऋण कोषों की कर प्रणाली में बदलाव को श्रेय देते हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों ने बॉन्ड म्यूचुअल फंड में अपना आवंटन घटाते हुए संभवत: हाइब्रिड कोषों में निवेश बढ़ाया है। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में निवेशक खातों या फोलियो संख्या जून तिमाही में 4.6 लाख बढक़र 1.22 करोड़ हो गई। यह ऐसी योजनाओं में निवेशकों की बढ़ती रुचि दिखाता है।

 

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