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भारत और सऊदी अरब ने विद्युत अंतर्संबंध, हरित हाइड्रोजन में सहयोग के लिए किया समझौता

नयी दिल्ली: भारत और सऊदी अरब ने विद्युत अंतर्संबंध, हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन और आपूíत श्रृंखला के क्षेत्र में सहयोग के लिए रविवार को एक शुरुआती समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञपन (एमओयू) का मकसद उच्च मांग और आपात स्थिति में विद्युत अंतर्संबंध और बिजली के आदान-प्रदान के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए आम ढांचा स्थापित करना है। इसके अलावा दोनों देशों का लक्षय़ परियोजनाओं के सह-विकास, हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन व नवीकरणीय ऊर्जा के सह-उत्पादन के साथ-साथ हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन तथा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों की सुरक्षित, विश्वसनीय और लचीली आपूíत श्रृंखला स्थापित करना है।

ऊर्जा मंत्रलय की ओर से जारी बयान के अनुसार, भारत और सऊदी अरब ने रविवार को रियाद में समझौता ज्ञपन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।बयान में कहा गया कि रियाद में एमईएनए जलवायु सप्ताह के मौके पर केंद्रीय बिजली एवं नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह और सऊदी अरब सरकार के ऊर्जा मंत्री अब्दुलअजीज बिन सलमान अल-सऊद की मौजूदगी में समझौता ज्ञपन पर हस्ताक्षर किए गए।दोनों मंत्री ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के उपयरुक्त क्षेत्रों में पूर्ण आपूíत और मूल्य श्रृंखला स्थापित करने के लिए दोनों देशों के बीच बी2बी (कारोबार से कारोबार) व्यापार शिखर सम्मेलन और नियमित बी2बी बातचीत आयोजित करने पर भी सहमत हुए।

इससे पहले सिंह के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका (एमईएनए) जलवायु सप्ताह 2023 के उच्च-स्तरीय सत्र में हिस्सा लिया।सिंह ने एमईएनए जलवायु सप्ताह 2023 में जोर देकर कहा कि स्थायी तरीके से ऊर्जा परिवर्तन को करने के लिए व्यक्तिगत कार्य और स्थायी व्यवहारिक विकल्प महत्वपूर्ण हैं।मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं इस संबंध में एमईएनए क्षेत्र से भारत की पहल ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) में शामिल होने का आह्वान करता हूं।’’एमईएनए जलवायु सप्ताह आठ से 12 अक्टूबर को सऊदी अरब के रियाद में आयोजित किया जा रहा है। इसमें सीओपी28 से पहले जलवायु समाधानों पर चर्चा की जाएगी। इसकी मेजबानी सऊदी अरब सरकार द्वारा की जा रही है।

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