नई दिल्ली: माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला ने कहा कि भारत को कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में अग्रणी कार्य करना चाहिए और आधारभूत मॉडल तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि निवेश ही इसमें प्रवेश की वास्तविक बाधा है और मात्र एक गणितीय सफलता इसे पूरी तरह बदल सकती है। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया एआई टूर के दूसरे दिन नडेला ने कहा कि भारत भारतीय भाषाओं के क्षेत्र में और एआई का उपयोग करके अपने उद्योगों में बदलाव लाने में बड़ा काम कर सकता है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि भारत इसकी अगुवाई न कर सके। आप इसे बहुत ही अनोखे ढंग से परिभाषित भी कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, मुझे नहीं लगता कि एआई के मोर्चे पर अभी तक आखिरी कोई ज्ञात सफलता सामने आई हो। मैं हमेशा कहता हूं कि हम एक गणितीय सफलता से दूर हैं। नडेला ने कहा कि आइए स्पष्ट रूप से, जिसे ‘फ्रंटियर’ माना जाता है, उससे बंधे न रहें। इसलिए मैं कहूंगा कि भारत को निश्चित रूप से अगुवा के रूप में कार्य करना चाहिए। प्रशिक्षण के बाद इसका उपयोग भारतीय भाषाओं के लिए इसे बेहतर बनाने, भारतीय उद्योग के लिए इसे बेहतर बनाने आदि के लिए भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निवेश बाधा को देखने का दूसरा तरीका अनुसंधान की मदद से लागत को कम करना है, जो भारत के लिए हमेशा खुला है। भारत फिलहाल ओपन-एआई, गूगल आदि द्वारा विकसित एआई इंजन या आधारभूत मॉडल का उपयोग कर रहा है।