चेन्नई: भारत में वैश्विक प्लास्टिक आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरने की क्षमता है और घरेलू प्लास्टिक बाजार 2027-28 तक तीन गुना से अधिक होकर 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईपीएमए) के अनुसार भारत में प्लास्टिक का बाजार आकार 3.5 लाख करोड़ रुपये है।
घरेलू बाजार में प्लास्टिक की वृद्धि के अलावा विदेशों में उत्पादों का निर्यात भी मौजूदा 40,000 करोड़ रुपये से एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद थी। एसोसिएशन के अध्यक्ष मयूर डी शाह ने कहा कि भारतीय प्लास्टिक उद्योग में क्षमताएं हैं। एआईपीएमए ने आयात प्रतिस्थापन के लिए 553 प्लास्टिक उत्पादों की पहचान की है, जिनका आयात कुल 37,500 करोड़ रुपये का है।
शाह ने कहा, ‘‘ भारत में वैश्विक प्लास्टिक आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरने की भी क्षमता है। सरकार तथा उद्योग जगत के लोग वृद्धि बढ़ाने तथा भारतीय प्लास्टिक उद्योग को विश्व स्तर पर स्रोत का केंद्र बनाने के लिए एक स्थायी वातावरण सुनिश्चित करने को लेकर मिलकर काम कर रहे हैं। एआईपीएमए गर्विनंग काउंसिल के चेयरमैन अरविन्द मेहता ने कहा, ‘‘ भारतीय प्लास्टिक उद्योग तेजी से वृद्धि करने को तैयार है।
प्लास्टिक उद्योग का आकार 2022-23 में 3.50 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 2027-28 में 10 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।’’ उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ प्लास्टिक उत्पादों का निर्यात 40,000 करोड़ रुपये से बढक़र एक लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जो भारतीय उत्पादों की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है। यह भारतीय उद्योग के लिए एक उत्कृष्ट अवसर है और हमें इसका अधिकतम लाभ उठाना चाहिए।
उद्योग जगत से जुड़े अधिकारी एआईपीएमए द्वारा आयोजित प्रौद्योगिकी सम्मेलन के पांचवें संस्करण में हिस्सा लेने यहां पहुंचे हैं। शाह ने कहा, हमें यह भी विश्वास है कि भारतीय प्लास्टिक विनिर्माण उद्योग देश को 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।