भारतीय पेशेवर कार्यस्थल पर एआई कौशल का इस्तेमाल कर रहे हैं: लिंक्डइन

नयी दिल्ली: कामकाज की दुनिया में कृत्रिम मेधा (एआई) की बढ़ती प्रमुखता के बीच भारतीय पेशेवर एआई कौशल को अपना रहे हैं। 2016 के बाद से ऐसे कुशल र्किमयों की संख्या 14 गुना बढ़ी है। लिंक्डइन ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।लिंक्डइन की पहली वैश्विक ‘फ्यूचर ऑफ वर्क: स्टेट ऑफ वर्क एट.

नयी दिल्ली: कामकाज की दुनिया में कृत्रिम मेधा (एआई) की बढ़ती प्रमुखता के बीच भारतीय पेशेवर एआई कौशल को अपना रहे हैं। 2016 के बाद से ऐसे कुशल र्किमयों की संख्या 14 गुना बढ़ी है। लिंक्डइन ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।लिंक्डइन की पहली वैश्विक ‘फ्यूचर ऑफ वर्क: स्टेट ऑफ वर्क एट एआई’ रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2016 की तुलना में जून 2023 में भारत में एआई-कुशल पेशेवरों की संख्या 14 गुना बढ़ गई। इसके साथ ही भारत अब सिंगापुर, फिनलैंड, आयरलैंड और कनाडा के साथ उन शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है, जहां एआई कौशल में वृद्धि हुई है।

कामकाजी पेशेवरों के मंच लिंक्डइन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष कार्यस्थलों में एआई के उपयोग में वृद्धि हुई है। इस वृद्धि ने भारत में सभी श्रमिकों में से 60 प्रतिशत और युवा (ज़ेन जी) पेशेवरों में से 71 प्रतिशत को यह मानने के लिए प्रेरित किया है कि एआई कौशल प्राप्त करने से पेशेवर संभावनाएं बढ़ सकती हैं।लिंक्डइन की रिपोर्ट के मुताबकि तीन में से दो भारतीयों का कहना है कि वे 2023 में कम से कम एक डिजिटल कौशल सीखेंगे। एआई और मशीन र्लिनंग उन शीर्ष कौशलों में से हैं जिन्हें वे सीखना चाहते हैं।लिंक्डइन इंडिया के ‘कंट्री मैनेजर’ आशुतोष गुप्ता ने कहा कि पेशवेर दुनिया में एआई भविष्य को आकार देता है। भारत इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत के शीर्ष अधिकारियों द्वारा एआई के युग में पारस्परिक कौशल की क्षमता का समर्थन करने से हम एक ऐसे युग में प्रवेश कर रहे हैं जो अधिक संतुष्टिदायक, मानव-केंद्रित कार्य को महत्व देता है।’’

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