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भारतीय शेयर बाजार की स्थिति में सुधार, कंसोलिडेशन रह सकता है जारी

मुंबई: घरेलू बाजार को लेकर व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में सुधार की स्थिति बनी हुई है और हाल ही में शिखर पर पहुंचने के बाद मुख्य सूचकांक, निफ्टी और सेंसेक्स में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है। बीते सप्ताह मंगलवार और बुधवार को तीव्र कमजोरी दिखाने के बाद निफ्टी ने वीरवार को रेंज मूवमैंट के बीच अपनी गिरावट जारी रखी और दिन के अंत में 26 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। थोड़े नकारात्मक नोट पर खुलने के बाद, बाजार ने सत्र के शुरुआती हिस्से में मामूली उछाल का प्रयास किया। बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के नतीजों में कमजोरी और विदेशी फंडों के निरंतर निकासी ने धारणा को प्रभावित किया। घरेलू सीपीआई मुद्रास्फीति में 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.2 प्रतिशत पर वृद्धि, एक मजबूत डॉलर सूचकांक और यूएस 10-वर्षीय उपज में वृद्धि संकेत देती है कि अल्पावधि में अस्थिरता जारी रहेगी।

जियोजित फाइनांशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘निवेशक जोखिमपूर्ण परिसंपत्तियों में अपनी स्थिति को कम करने के लिए जल्दबाजी कर रहे हैं, क्योंकि उचित आय वृद्धि के बिना प्रीमियम मूल्यांकन की निरंतरता कायम नहीं रह पाएगी।’ एचडीएफसी सिक्योरिटीज के नागराज शेट्टी के अनुसार, बाजार को संभावित तेजी के उलटफेर पर विचार करने के लिए और सबूत दिखाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘23500 से नीचे एक निर्णायक गिरावट अगले सप्ताह तक निफ्टी को 23,200-23,000 के स्तर तक नीचे खींच सकती है, हालांकि 23,700-23,800 के स्तर से ऊपर एक स्थाफ चाल बाजार में बड़े उछाल की संभावना खोल सकती है।’ बाजार के जानकारों ने कहा, ‘आगे बढ़ते हुए, फोकस अमर1का में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के घटनाक्रम और उभरते बाजारों (ईएम) पर इसके प्रभाव पर रहेगा।

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