नई दिल्ली: ग्लोबल ग्रोथ सुस्त होने के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था दमदार बनी हुई है। आने वाले महीनों में महंगाई घटने के आसार हैं। प्राइवेट इनवैस्टमैंट एक्टिविटी बढ़ रही है, प्राइवेट कंजम्पशन डिमांड मजबूत हो रही है और बेरोजगारी घट रही है। इंडियन इकोनॉमी के लिए फाइनांशियल ईयर 2025 अच्छा होने की उम्मीद है, हालांकि अगले वित्त वर्ष में करंट अकाऊंट डैफिसिट पर नजर रखनी होगी।
फरवरी के मंथली इकनॉमिक रिव्यू में फाइनैंस मिनिस्ट्री ने ये बातें कहीं। रिव्यू में मिनिस्ट्री ने कहा कि पिछली 2 तिमाहियों में रफ्तार के बाद भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 6 तिमाहियों के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई। लगातार तीसरी बार यह 8% से अधिक रही। मजबूत डिमांड से मैन्युफैरिंग और कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी बढ़ी।
मंथली रिव्यू में कहा कि इंफ्लेशन लगातार छठे महीने आरबीआई के कंफर्ट जोन में बनी हुई है। कोर इंफ्लेशन घट रही है। इससे बड़े दायरे में कीमतें घटने का पता चल रहा है। कंज्यूमर प्राइस इंडैक्स आधारित रिटेल इंफ्लेशन फरवरी में 5.09% के आंकड़े के साथ 4 महीनों के निचले स्तर पर चली गई थी हालांकि फूड इंफ्लेशन सालभर पहले के 5.9% के मुकाबले 8.66% पर थी। फरवरी में अनाज की महंगाई दर 7.6% रही, वहीं दालों के दाम 18.9% ऊपर रहे। सरकार ने आरबीआई को महंगाई 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में रखने का जिम्मा दिया है। रिव्यू में कहा कि महंगाई स्टेबल है।
इनवेस्टमैंट का हाल अच्छा है। रोजगार के मोर्चे पर पॉजिटिव ट्रैंड्स दिख रहे हैं। ऐसे में वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2025 भारत के लिए अच्छा रहने का अनुमान है। मंत्रलय ने कहा कि इंटरनैशनल कमोडिटी प्राइसेज में नरमी से मर्चेंडाइज ट्रेड डैफिसिट घटने और नैट सर्विसेज रिसीट बढ़ने से फाइनांशियल एयर 24 में करंट अकाऊंट बैलेंस सुधरने की उम्मीद है।