बीमा कंपनी को 15 दिनों के भीतर जारी करनी होगी पॉलिसी, पॉलिसी होल्डर्स को मिले कई अधिकार

नई दिल्ली: इंश्योरैंस रैगुलेटर ईआरडीएआई ने बीमा पॉलिसीहोल्डर्स के अधिकारों को लेकर एक मास्टर सकरुलर जारी किया है। इस सकरुलर में ई-इंश्योरैंस पॉलिसियों, हैल्थ लाइफ इंश्योरैंस पॉलिसियों दोनों के क्लेम सेटलमैंट

नई दिल्ली: इंश्योरैंस रैगुलेटर ईआरडीएआई ने बीमा पॉलिसीहोल्डर्स के अधिकारों को लेकर एक मास्टर सकरुलर जारी किया है। इस सकरुलर में ई-इंश्योरैंस पॉलिसियों, हैल्थ लाइफ इंश्योरैंस पॉलिसियों दोनों के क्लेम सेटलमैंट (दावों के निपटान) की समयसीमा और कई हैल्थ बीमा पॉलिसियों वाले पॉलिसीहोल्डर्स के अधिकारों को शामिल किया गया है।

बीमा कंपनी को प्रपोजल फॉर्म स्वीकार करने के 15 दिनों के भीतर पॉलिसी जारी करनी होगी। नए नियमों के तहत इंश्योरैंस कंपनी को प्रपोजल फॉर्म के साथ इनीशिजल प्रीमियम जमा करने की अनुमति नहीं है। 30 दिन का फ्री लुक पीरियड एक साल या उससे अधिक की लाइफ इंश्योरैंस पॉलिसी के लिए, पॉलिसीहोल्डर के पास 30 दिनों की फ्री लुक पीरियड (नि:शुल्क अवलोकन) अवधि होगी।

यदि पॉलिसीहोल्डर पॉलिसी की शर्तों या नियमों से असंतुष्ट है, तो उसके पास इन 30 दिनों के भीतर पॉलिसी को रद्द करने के लिए कंपनी को वापस करने का विकल्प है। कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसे कंपनी अनिवार्य रूप से अपने ग्राहकों को उनकी बीमा पॉलिसियों के साथ प्रदान करते हैं। यह पॉलिसी की मुख्य विशेषताओं और लाभों के सारांश के रूप में काम करता है। यह सुनिश्चित करता है कि पॉलिसीधारकों को उनके कवरेज के बारे में अच्छी जानकारी है।

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