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निवेश गतिविधियों में तेजी, पूंजीगत व्यय बढक़र 1.71 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान: आरबीआई

देश में निवेश गतिविधियों में तेजी आ रही है और पूंजी निवेश चालू वित्त वर्ष में 80 प्रतिशत से अधिक बढक़र 1.71 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। भारतीय रिजर्व बैंक के बुलेटिन में प्रकाशित लेख में यह कहा गया है।बृहस्पतिवार को प्रकाशित श्रेया भान, राजेन्द्र एन चव्हाण और राजेश बी केवडिया के लिखे इस लेख में कहा गया है कि विनिर्माण क्षेत्र की क्षमता उपयोग में सुधार, कर्ज मांग में तेजी और उपभोक्ता धारणा में सुधार से पूंजीगत व्यय को समर्थन मिल रहा है।

इसमें कहा गया है कि कंपनियों और बैंकों दोनों के बही-खातों को दुरुस्त करने से उधार गतिविधियों में तेजी आई है। रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि लेख में जो विचार दिये गये हैं, वह लेखकों के हैं और वह आरबीआई के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। लेख में कहा गया है, ‘‘जो परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं, उसमें लगने वाली पूंजी के आधार पर पता चलता है कि पूंजीगत व्यय 2023-24 में उल्लेखनीय रूप से बढक़र 1,71,568 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2022-23 में 94,876 करोड़ रुपये था।’’ वित्त वर्ष 2022-23 में परियोजनाओं की कुल लागत में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण क्षेत्र बना रहा। इसमें बिजली, दूरसंचार, बंदरगाह और हवाई अड्डे, भंडारण और जल प्रबंधन, विशेष आíथक क्षेत्र, औद्योगिक, जैव प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी पार्क और सड़कें और पुल शामिल हैं। लेख में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष में बुनियादी ढांचे के अलावा, धातु और धातु उत्पाद, निर्माण, कपड़ा और खाद्य उत्पाद की भी परियोजनाओं की कुल लागत में अच्छी हिस्सेदारी रही।

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