नई दिल्ली: भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में दो प्रमुख कंपनियों, मारुति सुजुकी और हुंदै मोटर इंडिया, के लिए आगामी वित्तीय वर्ष (2025-26) में निर्यात क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि की उम्मीदें जताई जा रही हैं। घरेलू बाजार में जहां कुछ चुनौतीपूर्ण कारोबारी माहौल का सामना करना पड़ रहा है, वहीं ये दोनों कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी स्थिति मजबूत करने की ओर अग्रसर हैं।
-हुंदै की निर्यात वृद्धि: एकल अंकों में अपेक्षित
हुंदै मोटर इंडिया ने इस वित्तीय वर्ष (2024-25) में एकल अंकों में निर्यात वृद्धि की उम्मीद जताई है। कंपनी के प्रबंध निदेशक, उन्सू किम, ने इस दौरान कहा, “हमारा उद्देश्य दक्षिण कोरिया के बाहर हुंदै का सबसे बड़ा निर्यात केंद्र बनना है।” उन्होंने यह भी कहा कि निर्यात में तेजी आने के संकेत मिल रहे हैं, और आगामी वर्षों में कंपनी इस दिशा में निरंतर वृद्धि की उम्मीद करती है। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में हुंदै ने 1,63,155 वाहन निर्यात किए, जबकि 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 1,63,386 हो गया, जो एक सकारात्मक संकेत है।
-मारुति का निर्यात लक्ष्य: 20 प्रतिशत वृद्धि
वहीं, मारुति सुजुकी इंडिया का लक्ष्य 2024-25 के मुकाबले 2025-26 में अपने निर्यात में 20 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करना है। कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में चार लाख इकाइयों के निर्यात का लक्ष्य रखा है। एमएसआई के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी, राहुल भारती, ने कहा, “हमारा निर्यात बाजार विविधतापूर्ण है और हमारी उपस्थिति लगभग 100 देशों में है। इस वित्तीय वर्ष में हम चार लाख इकाइयों के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं।”
-निर्यात के क्षेत्र में भारत की स्थिति
भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग, विशेष रूप से मारुति और हुंदै जैसी प्रमुख कंपनियों के जरिए, वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति और मजबूत बना रहा है। इन कंपनियों के निर्यात में वृद्धि न केवल भारतीय ऑटो उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण विकास संकेत है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक होगा, क्योंकि निर्यात से विदेशी मुद्रा की आय बढ़ती है और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होते हैं।
कुल मिलाकर, दोनों कंपनियां आने वाले वित्तीय वर्ष में अपने निर्यात के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और उनकी बढ़ती उपस्थिति से भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र की वैश्विक ताकत को मजबूती मिल रही है।