नयी दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की केजी बेसिन में पहली परियोजना का कार्य मछली पकड़ने वाले जाल में एक तैरता हुआ तेल भंडारण जहाज फंस जाने से प्रभावित हो गया था जिसके बाद कंपनी को भारतीय नौसेना से मदद मांगनी पड़ी।ओएनजीसी की तरफ से सोशल मीडिया मंचों पर दी गई जानकारी के मुताबिक, केजी-डी5 ब्लॉक से तेल उत्पादन के लिए इस्तेमाल होने वाला एफपीएसओ अरमाडा स्र्टिलंग 5 जहाज मछली पकड़ने के लिए लगाए गए लंबे जाल में उलझ गया।
फंसे हुए जहाज को जाल से मुक्त कराने के लिए ओएनजीसी ने भारतीय नौसेना से मदद मांगी। नौसेना के गोताखोरों ने करीब एक महीने तक चले बचाव अभियान के बाद इस जहाज को जालों से मुक्त कराने में सफलता हासिल कर ली है। इसके बाद फिर से यह जहाज अपने काम में जुट गया है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रलय ने भी एक ट्वीट में इसका ब्योरा देने के साथ एक वीडियो अपलोड किया है जो राहत अभियान से संबंधित है। इसके मुताबिक, नौसेना के जहाज ‘घड़ियाल’ और 16 गोताखोरों के एक दल ने ओएनजीसी के जहाज से जालों को मुक्त करा दिया है।
एफपीएसओ अरमाडा स्र्टिलंग 5 जहाज का स्वामित्व शापूरजी पलोनजी ऑयल एंड गैस और मलेशिया की कंपनी बूमी अरमाडा के पास है। इसकी भंडारण क्षमता 60,000 बैरल प्रतिदिन पेट्रोलियम और 30 लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस की है। यह दिसंबर में ओएनजीसी के क्लस्टर-2 से जुड़ा था।ओएनजीसी की इस केजी-डी6 परियोजना से तेल उत्पादन मई में शुरू होने की उम्मीद है जबकि गैस का उत्पादन अगले साल तक शुरू होने की संभावना है।