Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

अबतक 60% औसत रकबे पर 2 करोड़ 37.5 लाख हेक्टेयर में हुई धान की बुवाई

नई दिल्ली: धान की बुवाई चालू खरीफ मौसम में अब तक मामूली वृद्धि के साथ दो करोड़ 37.5 लाख हेक्टेयर में हुई है। यह इस मौसम के औसत रकबे का लगभग 60 प्रतिशत है। धान, एक प्रमुख खरीफ फसल है, जिसकी खेती खरीफ मौसम के दौरान औसतन चार करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है। देश के कुल चावल उत्पादन का 80 प्रतिशत हिस्सा खरीफ मौसम में होता है।

कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सत्र में 28 जुलाई तक धान की बुवाई थोड़ा अधिक यानी दो करोड़ 37.5 लाख हेक्टेयर में हुई, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा दो करोड़ 33.2 लाख हेक्टेयर थी। हालांकि, अब तक ओडिशा, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों में बुवाई औसत से अभी कम है। आंकड़ों के अनुसार ओडिशा में, धान की बुवाई खरीफ मौसम में 28 जुलाई तक 8.71 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह खेती का रकबा 12.70 लाख हेक्टेयर था।

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में धान की बुवाई का रकबा पिछले साल की तुलना में अधिक रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, एक जून से 26 जुलाई की अवधि के दौरान मानसूनी बारिश पांच प्रतिशत और उत्तर पश्चिम भारत में 34 प्रतिशत अधिक हुई है। धान के अलावा, दलहन की बुवाई चालू खरीफ सत्र में 28 जुलाई तक 96.8 लाख हेक्टेयर में हुई, जो एक साल पहले के एक करोड़ 9.1 लाख हेक्टेयर से कम है। मोटे अनाजों का रकबा उक्त अवधि में एक करोड़ 43.4 लाख हेक्टेयर के मुकाबले मामूली बढक़र एक करोड़ 45.7 लाख हेक्टेयर हो गया।

चालू खरीफ सत्र में 28 जुलाई तक तिलहन बुवाई का रकबा 1.71 करोड़ हेक्टेयर रहा, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा एक करोड़ 67.6 लाख हेक्टेयर था। नकदी फसलों में, गन्ने का रकबा 28 जुलाई तक 56 लाख हेक्टेयर था, जबकि कपास का रकबा घटकर एक करोड़ 16.7 लाख हेक्टेयर रहा। आंकड़ों के अनुसार कुल खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा चालू सत्र में अब तक कम यानी आठ करोड़ 30.3 लाख हेक्टेयर ही है, जो एक साल पहले की समान अवधि में आठ करोड़ 32.8 लाख हेक्टेयर था।

 

Exit mobile version