नई दिल्ली: भारत में पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए बिजली मंत्रालय ने कर छूट, सुगम पर्यावरण मंजूरी समेत रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराने जैसे प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव दिया है। मंत्रालय ने पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) पर दिशानिर्देशों का मसौदा जारी करते हुए 15 दिन के अंदर दो मार्च, 2023 तक राज्यों के साथ-साथ सरकारी और निजी कंपनियों के विचार मांगे हैं। मंत्रालय ने अपने दिशानिर्देशों में कहा कि ग्रिड स्थिरीकरण में पीएसपी की अत्यधिक उपयोगिता को देखते हुए और बिजली की चरम मांग को पूरा करने के लिए, पीएसपी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक स्वतंत्र दिशानिर्देश जारी करने की जरूरत महसूस हुई, जिससे इसके विकास के लिए निर्देश तय किए जाएं।
केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईओ) का अनुमान है कि भारत में नदी पर पंप भंडारण की क्षमता 103 गीगावॉट है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में नदी से अलग पंप भंडारण की क्षमता भी उपलब्ध है। मंत्रालय के अनुसार, फिलहाल आठ परियोजनाएं (4,745.60 मेगावाट) संचालित हैं, चार परियोजनाएं (2,780 मेगावाट) निर्माणाधीन हैं और 24 परियोजनाएं (26,630 मेगावाट) राज्यों द्वारा आवंटित की गई हैं, जो विभिन्न चरणों में हैं। पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर (पीएसएच) यह बिजली स्टोर करने का संयंत्र होता है। इसमें पानी के दो (जलाशय) बनाए जाते हैं। एक नीचे और दूसरा ऊपर। इनके बीच एलिवेशन ऐसा रखते हैं कि निचले जलाशय की तरफ बहता पानी टर्बाइन से होकर निकलता है और उससे बिजली पैदा होती है।