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पूर्वोत्तर में पनबिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर

नयी दिल्ली: सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में पनबिजली उत्पादन की क्षमता का पूरा दोहन करने के मकसद से पूर्वोत्तर के राज्यों को जलविद्युत परियोजनाओं में उनकी इक्विटी भागीदारी के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज यहां हुई बैठक में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और राज्य सरकार की संस्थाओं के बीच संयुक्त उद्यम (जेवी) गठित कर उसके माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र में जल विद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए राज्य सरकारों को उनकी इक्विटी भागीदारी के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान करने के विद्युत मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। रेल, सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए यह कहा कि इस योजना का परिव्यय 4136 करोड़ रुपये है जिसे वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2031-32 तक क्रियान्वित किया जाना है। इस योजना के तहत लगभग 15000 मेगावाट की कुल जल विद्युत क्षमता को सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना को विद्युत मंत्रालय के कुल परिव्यय से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 10 प्रतिशत सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा।

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