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RBI गवर्नर दास ने वित्तीय क्षेत्र के भविष्य के लिए रखीं पांच प्राथमिकताएं

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश की वित्तीय प्रणाली के सशक्त भविष्य के लिए बुधवार को पांच प्राथमिकताएं गिनायीं। आरबीआई गवर्नर ने सम्मेलन के मुख्य भाषण में इंडिया-100 के लिए, वित्तीय समावेशन, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, उपभोक्ता संरक्षण और साइबर सुरक्षा, सतत वित्त और वैश्विक स्तर के समन्वयएवं और सहयोग-इन पांच प्राथमिकताओं.

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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश की वित्तीय प्रणाली के सशक्त भविष्य के लिए बुधवार को पांच प्राथमिकताएं गिनायीं। आरबीआई गवर्नर ने सम्मेलन के मुख्य भाषण में इंडिया-100 के लिए, वित्तीय समावेशन, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, उपभोक्ता संरक्षण और साइबर सुरक्षा, सतत वित्त और वैश्विक स्तर के समन्वयएवं और सहयोग-इन पांच प्राथमिकताओं को अपनाए जाने पर बल दिया। आज यहाँ ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) 2024 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा,“भाविष्य की यात्रा प्रौद्योगिकी, विनियमन, भू-राजनीति और बढ़ती सामाजिक अपेक्षाओं में गतिशील बदलावों से भरी होने वाली है। आर्थिक मजबूती को बढ़ावा देने में भारतीय वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के सभी हितधारकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।” जीएफएफ-2024 का आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी), विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), आरबीआई और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफसीए) सहयोग से किया जाता है।

इस सम्मेलन के आयोजनकमर्ताओं में पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई), नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल (एफसीसी) शामिल हैं। दास ने कहा,“भारत एक तेजी से उभरती हुई आर्थिक शक्ति है, जिसकी आबादी तकनीक के प्रति जागरूक है। भारत के वित्तीय क्षेत्र में फिनटेक क्षेत्र से प्रेरित उल्लेखनीय परिवर्तन हो रहे है।” उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार भारत में स्थापित फिनटेक की संख्या लगभग 11,000 है, और पिछले दो वर्षों में ही फिनटेक क्षेत्र को लगभग छह अरब डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ है। इस सम्मेलन के मुख्य विषयों में वित्तीय क्षेत्र के लिए भविष्य प्रौद्योगिकी से जुड़े मुद्दे और फिनटेक के लिए नियामकीय व्यवस्था शामिल है।
तीन दिन के इस सम्मेलन में बैंकिंग, फिनटेक, विनियामकीय संगठन और आर्थिक एवं वित्तीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों और नीति नियामकों सहित करीब 800 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

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