नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति के मोर्चे पर अनिश्चितता को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस साल प्रमुख नीतिगत दर में संभवत: कटौती नहीं करेगा। अमरीकी केंद्रीय बैंक फैडरल रिजर्व बुधवार को पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में संभवत: ब्याज दर घटा सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह 4 साल से अधिक समय में पहली बार होगा जब वह नीतिगत दर में कटौती करेगा। ऐसा माना जा रहा है कि अन्य देशों के केंद्रीय बैंक भी इसका अनुसरण करने के लिए प्रेरित होंगे। एसबीआई की कमान संभालने वाले शेट्टी ने कहा, ‘कई केंद्रीय बैंक नीतिगत दर के मोर्चे पर स्वतंत्र निर्णय ले रहे हैं, हालांकि फैडरल रिजर्व के ब्याज दर में कटौती का असर सभी पर पड़ेगा, लेकिन आरबीआई ब्याज दर में कटौती पर निर्णय लेने से पहले खाद्य मुद्रास्फीति को ध्यान में रखेगा।’
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 7 से 9 अक्तूबर को होने वाली अपनी बैठक में नीतिगत दर पर निर्णय करेगी। खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में मामूली बढ़कर 3.65 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई में 3.54 प्रतिशत थी।?मुद्रास्फीति आरबीआई के औसत लक्ष्य 4 प्रतिशत से नीचे है, लेकिन खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर अगस्त में 5.66 प्रतिशत थी।?केंद्रीय बैंक ने उच्च खाद्य मुद्रास्फीति के जोखिम को देखते हुए अगस्त की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवíतत रखा।