नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने और अवैध कर्ज देने वाले एप्प पर रोक लगाने के लिए डिजीटल इंडिया ट्रस्ट एजैंसी (डीआईजीआईटीए) के गठन पर विचार कर रहा है।
गौरतलब है कि देश में अवैध ऋण देने वाले एप्प तेजी से बढ़ रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित एजैंसी डिजीटल ऋण देने वाले एप्प का सत्यापन करेगी और सत्यापित एप्प का एक सार्वजनिक रजिस्टर बनाएगी। सूत्रों ने कहा कि जिन एप्प पर डीआईजीआईटीए के सत्यापन का निशान नहीं होगा, उन्हें अनधिकृत माना जाना चाहिए।
इससे डिजीटल क्षेत्र में वित्तीय अपराधों के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि डीआईजीआईटीए को डिजीटल ऋण देने वाले एप्प की जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। सूत्रों के अनुसार इस सत्यापन प्रक्रिया से डिजीटल ऋण क्षेत्र के भीतर अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही पैदा करने में मदद करेगी।