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Religare Finvest ने कर्जदाताओं के साथ किया एकमुश्त सेटलमेंट

नई दिल्ली: रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरएएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) ने 16 कर्जदाताओं के साथ 400 करोड़ रुपये का पूरा और अंतिम भुगतान करके वन-टाइम-सेटलमेंट (ओटीएस) किया है। कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यह भुगतान कल किया गया। यह भुगतान कर्जदाताओं के साथ 30 दिसंबर 2022 को हुए करार के अनुसार तीन महीने की समय सीमा से पहले ही कर दिया गया है। यह सेटलमेंट उन सभी पुराने मुद्दों को दूर करने की राह में अंतिम पड़ाव है, जो इससे पहले के प्रवर्तकों के गलत तरीकों के कारण विरासत में मिले थे। कंपनी ने कहा कि नए प्रबंधन ने जनवरी 2018 से जब कार्यभार संभाला है, आरएफएल ने तब से अब तक अपने संग्रह और आरईएल के समर्थन के माध्यम से अपने कर्जदाताओं को 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है। यह सेटलमेंट आरएफएल के कारोबार को फिर से शुरु करने और एमएसएमई के वित्तपोषण में एक खास जगह बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की राह तैयार करता है। आरएफएल के पास व्यापार की वृद्धि को बनाए रखने के लिए अगली कुछ तिमाहियों में स्वस्थ बैलेंस शीट होगी। किफायती आवास को कर्ज मुहैया कराने के व्यवसाय की तेज वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने को जारी रखते हुए आरएफएल की सहायक इकाई आरएचडीएफसीएल को आने वाले समय में सीधे सहायक कंपनी बनायी जायेगी।

आरएएल की कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रश्मि सलुजा ने कहा, ‘‘आरएफएल का ओटीएस अपनी तरह का एक पुनरुद्धार है, जिसमें मौजूदा प्रबंधन पुराने प्रवर्तकों की धोखाधड़ी के कारण रेलिगेयर समूह को विरासत में मिले मुद्दों को दूर करने में सक्षम रहा है। प्रबंधन ने रेलिगेयर समूह के दीर्घकालिक मूल्य को बरकरार करते हुए कर्जदाताओं को एक महत्वपूर्ण राशि का भुगतान किया है। हम अपने नियामकों और अपने कर्जदाताओं के आभारी हैं, जिन्होंने नए प्रबंधन के कंपनी संचालन और पुनरुद्धार की पहल में भरोसा दिखाया है। मुझे पूरा विश्वास है कि रेलिगेयर 2.0 तेजी से बढ़ने में सक्षम होगा, साथ ही साथ हर प्रकार की वित्तीय सेवा प्रदान करने वाला समूह बनने और अपने सभी हितधारकों के लिए मूल्य बढ़ाने के लिए नए व्यवसाय शुरु करेगा।’’ आरएफएल के सीईओ पंकज शर्मा ने कहा, ‘‘एकमुश्त सेटलमेंट के बाद आरएफएल ने अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और नियामक द्वारा निर्धारित अनुपात को हासिल करने की राह में एक अहम पड़ाव को पार किया है और इसके साथ ही अपने व्यवसाय को पुनर्जीवित करने की यात्रा शुरु कर दी है। आने वाले समय में हम छोटे एवं मंझाले उद्योगों (एमएसएमई) को कर्ज देने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए अहम इस सेगमेंट में आरएफएल के लिए एक खास जगह बनाएंगे।’’

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