नई दिल्ली: खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी के संकेतों और वृद्धि को बढ़ावा देने की जरूरत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बुधवार को अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में वृद्धि को लेकर नरम रुख अपना सकता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि ब्याज दरों में लगातार 3 बार 0.50 प्रतिशत की वृद्धि करने के बाद अब केंद्रीय बैंक इस बार ब्याज दरों में 0.25 से 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक सोमवार से शुरू हो रही है। 3 दिन की बैठक के नतीजों की घोषणा सात दिसंबर को की जाएगी। रिजर्व बैंक ने इस वर्ष मई से प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि की है, हालांकि इसके बावजूद मुद्रास्फीति जनवरी से ही 6 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। बैंक आॅफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘हमारा मानना है कि एमपीसी इस बार भी दरों में वृद्धि करेगी, हालांकि यह वृद्धि 0.25 से 0.35 प्रतिशत तक ही होगी। ऐसा अनुमान है कि रेपो दर इस वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। इसका मतलब है कि फरवरी में रेपो दर में एक और वृद्धि देखने को मिलेगी।’ आरबीआई मौद्रिक नीति तय करते वक्त उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर प्रमुख रूप से गौर करता है। सीपीआई में कुछ नरमी के संकेत मिल रहे हैं लेकिन यह अब भी केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर है।
मुद्रास्फीति में और गिरावट आने की उम्मीद इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च में मुख्य अर्थशास्त्री डी के पंत ने कहा, ‘मुद्रास्फीति में और गिरावट आने की उम्मीद है, हालांकि इस तिमाही में यह छह प्रतिशत के ऊपर ही रहेगी। हमारा मानना है कि आरबीआई दिसंबर 2022 की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ा सकता है। कोटक महिंद्रा बैंक के पूर्णकालिक निदेशक शांति एकंबरम ने कहा कि फैडरल रिजर्व के नरम रुख और मुद्रास्फीति में कुछ कमी को देखते हुए आरबीआई और एमपीसी भी दरों में कुछ कम यानी 0.25 से 0.35 प्रतिशत की वृद्धि करेंगे।