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RGIC ने इसॉप समाप्त करने की ESOP की योजना पर कानूनी राय ली 

नई दिल्ली: दिवाला प्रक्रिया के तहत रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए सफल बोली लगाने वाली आईआईएचएल रिलायंस कैपिटल की अनुषंगी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (आरजीआईसी) के कर्मचारियों के लिए कर्मचारी शेयर विकल्प (इसॉप) एवं अन्य प्रोत्साहन योजनाओं को खत्म नहीं कर सकती है। रिलायंस जनरल इंश्योरेंस ने इस बारे में जो कानूनी राय ली है, उससे यह निष्कर्ष सामने आया है।

रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के लिए यह कानूनी राय लेनी जरूरी हो गई थी क्योंकि हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल ने रिलायंस कैपिटल के लिए पेश अपनी समाधान योजना में रिलायंस कैपिटल और उसकी अनुषंगी कंपनियों की सभी कर्मचारी शेयर विकल्प योजनाओं, फैंटम स्टॉक या इसी तरह की अन्य प्रोत्साहन योजनाओं को समाप्त करने की बात कही है।

इसके पीछे वजह यह है कि आईआईएचएल अधिग्रहण के बाद अतिरिक्त लागत नहीं उठाना चाहती है। रिलायंस जनरल इंश्योरेंस ने अपने कर्मचारियों को इसॉप जारी किए हैं। खेतान एंड कंपनी ने आरजीआईसी को दी गई अपनी कानूनी सलाह में कहा है कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत होल्डिंग कंपनी की समाधान योजना लाने पर अनुषंगी कंपनियों की संपत्तियों और देनदारियों पर कोई निर्णय लेने की अनुमति नहीं है।

आईबीसी ‘अलग कानूनी इकाई’ के सिद्धांत को मान्यता देता है। इसका मतलब है कि एक बार गठन होने के बाद कंपनी एक अलग कानूनी इकाई बन जाती है और उसका व्यक्तित्व उसके गठन के लिए जिम्मेदार व्यक्ति से अलग होता है। कानूनी फर्म की सेवा आरजीआईसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राकेश जैन ने ली है।

इस कानूनी सलाह की पीटीआई ने समीक्षा की है। इसमें कहा गया है कि इसॉप, फैंटम शेयर या अन्य प्रोत्साहन योजनाएं ग्रैच्यूटी, भविष्य निधि की तरह के सांविधिक लाभ हैं। ये आरजीआईसी की अपने कर्मचारियों के प्रति देनदारियां हैं। रिलायंस कैपिटल की समाधान योजना में आईआईएचएल इनको समाप्त नहीं कर सकती है।

 

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