नई दिल्ली: भारत ने चाय उत्पादन को बढ़ावा देने, भारतीय चाय के लिए एक विशिष्ट ब्रांड बनाने और इस उद्योग के साथ जुड़े परिवारों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। भारत दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश और काली चाय (ब्लैक टी) का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और घरेलू आवश्यकताओं और निर्यात दायित्वों को पूरा करने के मामले में आत्मनिर्भर है।
मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय चाय का विभिन्न देशों को निर्यात किया जाता है और बड़ी संख्या में घरेलू उपभेक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के अलावा यह चौथा सबसे बड़ा चाय निर्यातक देश है। चाय उद्योग 11.6 लाख श्रमिकों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार दे रहा है और इतनी ही संख्या में लोग इससे अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। मंत्रालय ने कहा है, ‘‘चाय बोर्ड के माध्यम से सरकार ने 352 स्वयं सहायता समूहों, 440 किसान उत्पादक संगठनों और 17 किसान उत्पादक कंपनियों के गठन में मदद की है।
मशीनों और मैकेनिकल हार्वेस्टर (मशीन से पत्तों की तुड़ाई) की खरीद के लिए सहायता दी गई है।’’ उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए मिनी चाय कारखानों की स्थापना के अलावा बेहतर मूल्य प्राप्ति और सूचना उपलब्ध कराने के मामले में छोटे चाय उत्पादकों की मदद के लिए मोबाइल ऐप ‘चाय सहयोग’ का विकास किया गया है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘वर्ष 2022-23 के दौरान विभिन्न भू-राजनीतिक, भू-आर्थिक और लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद भारतीय चाय निर्यात के मामले में 88.3 करोड़ डॉलर के निर्धारित लक्ष्य का 95 प्रतिशत से अधिक भाग हासिल होने की उम्मीद है।’’