नई दिल्ली : पांच प्रमुख प्रॉक्सी सलाहकार कंपनियों ने विभिन्न क्षेत्रों में परिचालन करने वाली Vedanta लिमिटेड के कारोबारों को अलग करने का समर्थन किया है। उन्होंने शेयरधारकों को कंपनी के कारोबारों को अलग-अलग करने के पक्ष में मतदान करने की सलाह दी है। वेदांता के प्रस्तावित विभाजन से पांच अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियां बनेंगी। शेयरधारकों और कजर्दाताओं के लिए ई-वोटिंग प्रक्रिया 13 फरवरी को शुरू हुई और 17 फरवरी तक चलेगी। वेदांता के शेयरधारकों तथा कजर्दाताओं की बैठकें 18 फरवरी को होंगी। इस संबंध में रिपोर्ट जारी करने वाली प्रॉक्सी सलाहकार कंपनियों में अमेरिका की इंस्टीट्यूशनल शेयरहोल्डर र्सिवसेज इंक (आईएसएस), ग्लास लुईस के साथ-साथ भारतीय कंपनियां- इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी र्सिवसेज (आईआईएएस), इनगवर्न और स्टेकहोल्डर एम्पावरमेंट र्सिवसेज (एसईएस) शामिल हैं।
कंपनी की बैठकों में वोट देने में मदद करती हैं
प्रॉक्सी सलाहकार कंपनी एक स्वतंत्र इकाई होती है जो शेयरधारकों को कंपनी की बैठकों में वोट देने में मदद करती हैं। ये कंपनियां निवेशकों को पूरी जानकारी उपलब्ध कराकर मतदान को लेकर निर्णय लेने में मदद करती हैं। वेदांता समूह की कंपनियों के अलग होने से पांच सूचीबद्ध कंपनियां- वेदांता एल्युमीनियम, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता पावर और वेदांता आयरन एंड स्टील, जबकि कुछ मौजूदा और आने वाले कारोबार वेदांता लिमिटेड के अधीन रहेंगे। विभाजन संभवतः जुलाई तक पूरा हो जाएगा।
नई सूचीबद्ध संस्थाओं में से प्रत्येक में शेयर मिलेंगे
प्रॉक्सी सलाहकार ग्लास लुईस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एक-से-एक शेयर विनिमय अनुपात यानी कंपनी में प्रत्येक एक शेयर के बदले एक शेयर यह सुनिश्चित करता है कि शेयरधारकों को अलग-अलग इकाइयों की अंतिम सूचीबद्धता से कोई प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी ने कहा कि वेदांता का प्रबंधन और निदेशक मंडल यह निर्धारित करने की सबसे अच्छी स्थिति में है कि कंपनी के व्यवसाय के संदर्भ में कौन से परिचालन निर्णय सबसे अच्छे हैं। अमेरिका स्थित आईएसएस ने वेदांता के इस तर्क को स्वीकार किया कि कारोबारों के अलग होने से स्वतंत्र वैश्विक स्तर की कंपनियों के सृजन में मदद मिलेगी। आईएसएस ने कहा कि वेदांता के मौजूदा शेयरधारकों को नई सूचीबद्ध संस्थाओं में से प्रत्येक में शेयर मिलेंगे।