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दूसरी तिमाही में एफएमसीजी कंपनियों की बिक्री में देखी गई धीमी वृद्धि 

नई दिल्ली: एफएमसीजी उद्योग को खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों और कमजोर व्यापक आर्थिक स्थितियों के कारण तनाव का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उद्योग का अनुमान है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में वृद्धि एक अंक में रह सकती है। कुछ क्षेत्रों में बारिश के कारण भी ग्रामीण मांग में सुधार बाधित हो रही है। मैरिको, डाबर और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) जैसी कंपनियों ने अपने तिमाही अपडेट में कहा कि हालांकि दूसरी तिमाही में खपत में सुधार हुआ है, लेकिन इसकी रफ्तार बहुत धीमी है।
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इसके अलावा इस साल त्योहारी सत्र पूरी तरह तीसरी तिमाही में चले जाने के कारण इससे संबंधित उठान में देरी हो रही है। कंपनियों ने अपने सकल मार्जिन पर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह क्रमिक रूप से बेहतर होगा। जीसीपीएल ने सितंबर तिमाही के लिए अपने अपडेट में कहा कि भारत में कमजोर आर्थिक स्थितियां और प्रतिकूल मौसम के हालात रहे हैं। गोदरेज समूह की एफएमसीजी शाखा को ”कठिन परिचालन वातावरण” का सामना करना पड़ा और इसके जैविक व्यवसाय ने एक अंक में वृद्धि दर्ज की।
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पैराशूट, सफोला और हेयर एंड केयर जैसे ब्रांडों का स्वामित्व रखने वाली मैरिको ने कहा कि 2023-24 की दूसरी तिमाही में मांग के रुझान काफी हद तक पिछली तिमाही के अनुरूप ही हैं। कंपनी ने कहा कि खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों और कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश के कारण ग्रामीण मांग में सुधार की रफ्तार बाधित हुई है। डाबर इंडिया ने कहा कि एफएमसीजी खपत में सालाना आधार पर सुधार दिख रहा है, हालांकि सुधार धीरे-धीरे हो रहा है। कंपनी ने कहा कि इस तिमाही में हल्की गर्मी देखी गई और मानसून थोड़ा कमजोर रहा। इस साल त्योहारी सत्र देर से आ रहा है, जिसके कारण त्योहारी उठान में देरी हो रही है। कंपनी को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही के दौरान उसकी एकीकृत आय में एक अंक की वृद्धि होगी।
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